मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही किसान परेशान, सीएम कमलनाथ ने की दिल्ली बात

खाद की कमी होने से नवनिर्वाचित सीएम कमलनाथ की चिंता बढा दी है, जब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।

New Delhi, Dec 21 : मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुकी है, सरकार बदलते ही प्रदेश में खाद की किल्लत हो गई है, कर्ज से राहत पाने वाले किसान अब खाद की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। दरअसल नई सरकार का कहना है कि केन्द्र सरका र ने प्रदेश में खाद की सप्लाई कम कर दी है, जिसकी वजह से ऐसे हालात पैदा हुए हैं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद दिल्ली फोन पर बात की।

Advertisement

नये सीएम की चिंता बढी
खाद की कमी होने से नवनिर्वाचित सीएम कमलनाथ की चिंता बढा दी है, जब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से खाद की कमी की खबर आई, तो खुद मुख्यमंत्री ने तत्काल कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक बुला ली , उन्होने अफसरों के साथ बैठक कर जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालने को कहा।

Advertisement

जरुरत के अनुसार नहीं मिल रहा खाद
आपको बता दें कि एमपी को इस महीने 3 लाख 70 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता है, जबकि उन्हें 1 लाख 90 हजार मीट्रिक टन खाद दी गई है, प्रदेश को रोजाना करीब 8 रैक खाद की आवश्यकता पड़ती है, खाद की कमी होने की वजह से किसानों में गुस्सा बढ रहा है, उनके गुस्से को देखते हुए कमलनाथ ने फोन पर केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा से बात की।

Advertisement

सरकार बदलने का असर
एमपी कृषि विभाग ने करीब 85 रैक खाद की मांग की है, जिसे केन्द्र सरकार ने भी जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है, सूत्रों का दावा है कि किसानों की समस्या का मूल कारण एमपी में सत्ता परिवर्तन है, सरकार बदलने की वजह से खाद की सप्लाई पर असर पड़ा है, जिसकी वजह से किसानों को खाद के लिये परेशान होना पड़ रहा है।

पिछले महीने डिमांड से ज्यादा सप्लाई
पिछले महीने 3.70 लाख मीट्रिक टन के डिमांड में 4.10 लाख मीट्रिक टन खाद एमपी भेजा गया था, एक्सपर्ट्स के अनुसार इस साल गेहूं का रकबा भी बढा है, पिछली बुवाई के आंकड़ों के अनुसार 40 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल 52 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं के फसल की बुआई की गई है, इसलिये भी किसानों को ज्यादा खाद की आवश्यकता पड़ रही है।