सिर्फ 25 लाख बचाने के चक्कर में विराट की टीम से छूट गया धाकड़ ऑलराउंडर, पड़ सकता है भारी


सैम करन आईपीएल में अपनी टीम के लिये ट्रंप कार्ड हो सकते हैं, वो शानदार तेज गेंदबाज होने के साथ-साथ अच्छी बल्लेबाजी भी करते हैं।

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New Delhi, Dec 22 : आईपीएल के अगले सीजन के लिये ऑक्शन खत्म हो चुका है, सभी टीमों की तरह आरसीबी ने भी अच्छी खरीददारी की है, हालांकि रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर को इस बात का मलाल जरुर होगा, कि लंबी कीमत लगाने के बावजूद वो युवा ऑलराउंडर सैम करन को नहीं खरीद पाये, 20 वर्षीय ऑलराउंडर पहली बार आईपीएल ऑक्शन में शामिल हुए थे, उन्होने अपना बेस प्राइस 2 करोड़ रखा था, लेकिन जैसे ही उनके नाम की घोषणा की गई, उन पर फ्रेंचाइजियों ने पैसों की बरसात शुरु कर दी , शुरुआत दिल्ली कैपिटल ने की, तो आरसीबी ने भी उन्हें टक्कर देने की कोशिश की ।

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किंग्स इलेवन पंजाब ने लगाई बोली
दिल्ली कैपिटल और आरसीबी के बीच टक्कर होते हुए बोली 4.80 करोड़ तक पहुंच गई, फिर दिल्ली ने हाथ पीछे खींच लिये, इसके बाद किंग्स इलेवन पंजाब ने बोली लगानी शुरु की, दोनों टीम युवा खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल करना चाहते थे, देखते ही देखते बोली 6 करोड़ के पार पहुंच गई, आरसीबी ने आखिरी दांव खेलते हुए 7 करोड़ के पार बोली लगा दी ।

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प्रिटी जिंटा की टीम ने लगाई सबसे ज्यादा बोली
एक पल को तो आरसीबी को लगा कि अंग्रेज ऑलराउंडर उनकी टीम में शामिल हो गये, लेकिन फिर किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने 7.20 करोड़ की बोली लगा आरसीबी के होश उड़ा दिया, आरसीबी ना चाहते हुए भी इस पर बोली लगाना छोड़ दिया, क्योंकि उन्हें दूसरे खिलाड़ी भी खरीदने थे, अगर रणनीतिक अंदाज से देखे तो अगर आरसीबी ने 25 लाख और का दांव लगाया होता, तो शायद करन उनकी टीम में होते।

आईपीएल में ट्रंप कार्ड
सैम करन आईपीएल में अपनी टीम के लिये ट्रंप कार्ड हो सकते हैं, वो शानदार तेज गेंदबाज होने के साथ-साथ अच्छी बल्लेबाजी भी करते हैं, अगर भारत से बाहर इस साल आईपीएल हुआ, तो वो टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिये बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, पिछले दिनों इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम के खिलाफ उन्होने अपनी काबिलियत और क्षमता दिखा दी थी।

अंतरराष्ट्रीय करियर
सैम करन के इंटरनेशनल करियर की बात करें, तो उन्होने अब तक 7 टेस्ट मैचों में 36 के औसत से रन बनाये हैं, साथ ही 14 विकेट भी हासिल किये हैं, सीमित ओवरों में वो कम ही खेलते नजर आये हैं, लेकिन ऑलराउंडर होने की वजह से उनकी भूमिका ज्यादा है, इसी वजह से हर फ्रेंचाइजी उन्हें अपनी टीम में शामिल करना चाहता था।