फेसबुक, व्हाट्सऐप चैट, मैसेज और वीडियो पर भी निगरानी, ऐसा जबरदस्‍त कानून ला रही है सरकार

सावधान, सरकार बहुत जल्‍द एक कानून लाने जा रही है, जिसमें सोशल मीडिया से जुड़े प्‍लेटफॉर्म पर मौजूद आपकी जानकारियां ही नहीं बल्कि आपके निजी संदेश भी सरकार की निगरानी में रहेंगे ।

New Delhi, Dec 24 : हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया, इस आदेश के अनुसार देश की सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को उन लोगों के निजी कंप्यूटरों में मौजूद डाटा पर नजर रखने और जांचने का अधिकार होगा जिन पर कोई संदेह या उनसे जुड़ी ऐसी कोई संदिग्‍ध जानकारी होगी । सरकार के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 के तहत अगर एजेंसियों को किसी भी संस्थान या फिर व्यक्ति पर देशविरोधी गतिविधियों में मिले होने का संदेह होता है तो वो उनके कंप्यूटरों की जांच कर सकते हैं, इसके साथ ही उसमें मौजूद हर तरह के डाटा की जानकारी भी ले सकते हैं ।

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सोशल मीडिया पर लागू करने की तैयारी
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह सेक्शन देशभर में इस्तेमाल हो रहे सभीऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लागू होगा । सरकार सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 को अभी अमल में लाने की तैयारी कर रही है। इस अधिनियम के लागू होते ही फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, शेयरचैट, गूगल, अमेजॉन और याहू जैसी कंपनियों को सरकार द्वारा पूछे गए किसी भी संदेश के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी।

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आपत्तिजनक संदेश या संदेहात्‍मक गतिविधि
इस बात को आप ऐसे समझ सकते हैं कि अगर सरकार को आपके द्वारा डाले गए सोशल मीडिया के किसी मैसेज, वीडियो या फोटो पर आपत्ति होती है या संदेह होता है तो सरकार ऐसे मैसेज के बारे में उसी सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म यानी उस कंपनी से आपकी जानकारी मांगेगी । जिसके बाद इन कंपनियों को एंड टू एंड एंक्रिप्शन तोड़कर मैसेज के बारे में सरकार को पूरी जानकारी देनी होगी। हालांकि उस मैसेज से जुड़ी सारी जानकारी जुटाने के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई होगी ।

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अवैध रूप से देखे जा रहे कंटेट पर लगेगी रोक
सेक्शन 79 के लागू हो जाने के बाद गैर-कानूनी रूप से ऑनलाइन देखे जा रहे कंटेंट पर रोक लग जाएगी । खबर के अनुसार शुक्रवार को इस मामले में एक बैठक भी हुई, जिसमें 5 पेज का मसौदा पेश किया गया । बैठक में साइबर लॉ डिवीजन, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ के एक अधिकारी, फेसबुक,गूगल, व्हाट्सऐप, ट्विटर, शेयरचैट, अमेजॉन, याहू, और सेबी के प्रतिनिधि भी शामिल थे ।

72 घंटे के अंदर देनी होगी जानकारी
इस कानून के लागू होने के बाद सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार के द्वारा पूछे जाने पर 72 घंटों के भीतर जानकारी देनी होगी । इस जानकारी को उपलब्‍ध कराने के लिए कंपनियां भारत में अपने नोडल अधिकारी को नियुक्त करेंगी । कानून के अनुसार इन कंपनियों को 180 दिनों का पूरा लेखा-जोखा भी रखना होगा । जाहिर है सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली अफवाहों और ऐसी ही संदिग्‍ध खबरों को डालने वालों पर ये कानून नकेल डालने में सफल हो पाएगा ।