ये है देश का सबसे अनोखा मंदिर, यहां भीतर कोई नहीं जाना चाहता, वजह जान ‘थर-थर’ कांप उठेंगे

स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के बारे में बताते हुए कहा कि मंदिर में एक कमरा चित्रगुप्त के लिये भी बनाया गया है, जिसमें बैठकर वो इंसानों के अच्छे-बुरे कामों का लेखा-जोखा लिखते हैं।

New Delhi, Dec 26 : वैसे तो मंदिरों में लोग दुनियाभर की बलाओं और परेशानियों से पीछा छुड़ाने के लिये जाते हैं, लेकिन शायद आपको ये जानकर हैरानी होगी, कि भारत में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां कोई जाना नहीं चाहता है, ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के भीतर घुसने में भूतों और पिशाचों को डर लगता है, लेकिन ये मंदिर ऐसा है, जहां जाने से सामान्य लोगों को भी डर लगता है।

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कहां है ये मंदिर ?
ये मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा के एक छोटे से कस्बे भरमोर में है, ये मंदिर देखने में तो काफी छोटा है, लेकिन इसकी ख्याति और चर्चा दूर-दूर तक फैला हुआ है, लोग इस मंदिर के अंदर जाने की गलती कभी नहीं करते, वो बाहर से ही भगवान की प्रार्थना कर निकल जाते हैं।

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यमराज का मंदिर
ये मंदिर मृत्यु के देवराज यमराज का है, यही वजह है कि कोई भी इस मंदिर के पास भी जाने से डरता है, ये दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जो यमराज को समर्पित हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर को यमराज के लिये ही बनाया गया था, इसलिये उनके अलावा इस मंदिर में दूसरा कोई प्रवेश नहीं करता है।

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चित्रगुप्त के लिये कमरा
स्थानीय लोगों ने इस मंदिर के बारे में बताते हुए कहा कि मंदिर में एक कमरा चित्रगुप्त के लिये भी बनाया गया है, जिसमें बैठकर वो इंसानों के अच्छे-बुरे कामों का लेखा-जोखा लिखते हैं, दरअसल हिन्दू मान्यता के अनुसार मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात पृथ्वी पर उनके द्वारा किये गये कर्मों के आधार पर उनके लिये स्वर्ग या नर्क का निर्णय लेने का अधिकार चित्रगुप्त के पास ही होता है, यानी किसे स्वर्ग मिलेगा और किसे नर्क ये फैसला चित्रगुप्त ही करते हैं।

चार दरवाजे
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर के अंदर 4 छिपे हुए दरवाजे हैं, जो सोने, चांदी, तांबे और लोहे से बने हुए हैं, ऐसा कहा जाता है कि जो लोग ज्यादा पाप करते हैं, उनकी आत्मा लोहे के गेट से भीतर जाती है, जिसने खूब पुण्य किया हो, उसकी आत्मा सोने के गेट से अंदर जाती है।