करोड़ों की सम्पति फिर भी किराये के घर में रहने को मजबूर, जल्‍दबाजी में लिया फैसला पड़ गया भारी

एक छोटे से ग्रुप से शुरुआत कर उसे कामयाबी के शिखर तक पहुंचाने वाला शख्‍स दुनिया की नजर में तो मालामाल है लेकिन उसे उसके खुद के बेटे ने कंगाल बना दिया है । विजयपत सिंघानिया का हाल जानकर आप भी हैरान रहे जाएंगे ।

New Delhi, Jan 03 : विजयपत सिंघानिया, बहुत कम ही होंगे जो इस नाम से वाकिफ होंगे । लेकिन इस नाम के शख्‍स ने जिस ब्रांड को खड़ा किया उससे भारत का हर घर वाकिफ है । रेमंड एक छोटा सा नाम, कब एक बड़ा ब्रांड बन गया । इसके पीछे थी विजयपत सिंघानिया की अटूट लगन । लेकिन उन्‍हें क्‍या पता था जिस कंपनी को उन्‍होने अपने बेटे की तरह पाला पोसा और बड़ा किया उसे ही अपने बेटे को सौंपना उन्‍हें इस कदर भारी पड़ जाएगा ।

Advertisement

भावनाओं में बहकर की मूर्खता
रेमंड ब्रांड को खड़ा करने वाले विजयपत सिंघानिया बाज मानते हैं कि उनके बेटे के हाथ में कारोबार सौंपना उनकी सबसे बड़ी मूर्खता थी । 1925 में शुरू किए रेमंड जैसे ब्रांड की ना सिर्फ विजयपत ने स्थापना की बल्कि उसे करोड़ों रुपए का ब्रांड भी बनाया, आज वही शख्‍स अपनी भूल के कारण पछता रहा है । विजयपत सिंघानिया अपने बेटे को संपत्ति से बेदखल करने के लिए कोर्ट जाएंगे ।

Advertisement

3 साल से चल रहा है झगड़ा
रेमंड ब्रांड के ओनर विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है । विजयपत सिंघानिया पिछले साल सुर्खियों में आए, उन्‍होने बताया कि किस तरह उन्‍होने 2015 में अपनी कंपनी बेटे के नाम पर कर दी ।  रेमंड ग्रुप बेटे गौतम सिंघानिया के नाम करने के बाद उन्‍हें लगा कि अब वो आराम से जिंदगी गुजर बसर कर सकेंगे, लेकिन ये फैसला उनकी जिंदगी का सबसे खराब फैसला बन गया । आज उन्‍हें अपने फैसले पर पछताना पड़ रहा है । उनका आरोप है कि उन्होंने जिस बेटे को अपना पूरा कारोबार सौंप दिया उसी ने उन्‍हें घर से बाहर निकाल दिया ।

Advertisement

साल 2015 में बेटे को सौंपा था कारोबार
विजयपत ने बताया कि साल 2015 में उन्‍होने ने रेमंड ग्रुप के 50% से ज्यादा शेयर अपने 37 वर्षीय बेटे गौतम सिंघानिया को दे दिए थे । साल 2017 में हुए समझौते के बाद विजयपत को मुंबई के मालाबार हिल स्थित 36 महल के जेके हाउस में एक अपार्टमेंट मिलना था । जिसकी कीमत बाजार मूल्य के मुकाबले बहुत कम रखी गई थी । बाद में इस संपत्ति की बिक्री को लेकर बाप-बेटे में विवाद बढ़ गया । अब विजयपत कोर्ट में अपने बेटे के खिलाफ केस करेंगे, और बच्‍चों को 2007 में आए कानून के तहत उपहार में दी गई संपत्ति को वापस लेने की मांग करेंगे ।