लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का सबसे बड़ा दांव, सामान्य वर्ग को मिलेगा इतने फीसदी आरक्षण

सूत्रों का दावा है कि आरक्षण के लिये कुछ शर्ते भी रखी जाएगी, जिन परिवारों को 8 लाख रुपये से ज्यादा सलाना आय है, वो आरक्षण के दायरे में नहीं आएंगे।

New Delhi, Jan 07 : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार एक बहुत बड़ा फैसला ले सकती है, सूत्रों का दावा है कि मोदी कैबिनेट ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में दस फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे सकती है, इसके तहत गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ मिलेगा, इसके लिये सरकार संविधान संशोधन के जरिये आरक्षण कोटे को बढाएगी, सूत्रों का दावा है कि मोदी सरकार मंगलवार को संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश कर सकती है।

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आरक्षण का कोटा बढेगा
अगर विधेयक पास हो जाता है, तो रिजर्वेशन का कोटा 49.5 फीसदी से बढाकर 59.5 फीसदो हो जाएगा, इसके लिये संविधान संशोधन बिल लाया जाएगा, नये फैसले के बाद जाट, गुज्जर, मराठों और अन्य सवर्ण जातियों को भी रिजर्वेशन का रास्ता साफ हो जाएगा, बशर्ते कि वो आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग में आते हों।

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क्या होगी शर्ते
सूत्रों का दावा है कि आरक्षण के लिये कुछ शर्ते भी रखी जाएगी, जिन परिवारों को 8 लाख रुपये से ज्यादा सलाना आय है, वो आरक्षण के दायरे में नहीं आएंगे, इसके साथ ही 1000 वर्गफीट से ज्यादा आकार का घर होगा, तो उन्हें भी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।

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इन्हें भी लाभ
राजपूत, भूमिहार, जाट, ब्राह्मण, गुज्जर और बनिया को ईबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा, मालूम हो कि मौजूदा आरक्षण की स्थिति 49.5 फीसदी आरक्षण है, जिनमे अनुसूचित जाति (SC) – 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST)- 7.5 फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC- 27 फीसदी) है।

सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु
मोदी सरकार के इस फैसले पर सियासी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो चुका है, राजद विधायक दल के नेता और लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले जाति आधारित जनगणना की जाए, फिर जाति के हिसाब से आरक्षण दिया जाए, वहीं शिवसेना सांसद ने कहा कि जैसे ही संसद में इस बिल को पेश किया जाएगा, हमारा फैसला सामने आ जाएगा, कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी सरकार के लिये बस इतना कहना चाहूंगा, बहुत देर कर दी मेहरबान आते-आते।