प्रधानमंत्री के समर्थन में खुलकर उतरे केजरीवाल, कहा मोदी जी हम देंगे साथ

बीजेपी ने मोदी सरकार के इस फैसले को सामाजिक न्याय की दिशा में क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम कहा है।

New Delhi, Jan 08 : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करेगी, आप ने मांग की है कि इसे मौजूदा सत्र में ही कानून बनाने के लिये शीतकालीन सत्र को बढाया जाना चाहिये, इसके साथ ही केजरीवाल ने ये भी कहा है कि अगर इस मसले पर केन्द्र सरकार अपने पैर पीछे खींचती है, तो महज ये चुनावी स्टंट होगा।

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केजरीवाल ने किया ट्वीट
आम चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में दस फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है, जिस पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि सरकार के संसद के शीतकालीन सत्र को बढाना चाहिये और तुरंत संविधान संशोधन विधेयक लाना चाहिये, नहीं तो साफ हो जाएगा, ये महज चुनाव से पहले का स्टंट है।

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संजय सिंह ने कहा स्वागत योग्य चुनावी जुमला
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले कहा कि ये स्वागत योग्य चुनावी जुमला है, उन्होने ट्विटर पर लिखा कि आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों के लिये आरक्षण की बात कह मोदी सरकार ने स्वागत योग्य चुनावी जुमला छेड़ दिया है, ऐसे कई फैसले समय-समय पर राज्यों ने लिये, लेकिन पचास फीसदी से ज्यादा आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी, क्या ये फैसला भी कोर्ट में रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है, उन्होने आगे लिखा कि संविधान संशोधन विधेयक पारित करवाने के लिये सरकार विशेष सत्र बुलाये, हम इस पर सरकार का साथ देंगे, नहीं तो ये मात्र चुनावी जुमला साबित होगा।

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सामाजिक दिशा में क्रांतिकारी कदम
बीजेपी ने मोदी सरकार के इस फैसले को सामाजिक न्याय की दिशा में क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम कहा है, बीजेपी महासचिव अनिल जैन ने कहा कि मोदी सरकार ने बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करके दृढ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया है, अगर सरकार आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण देती है, तो ये ऐतिहासिक निर्णय होगा।

काफी समय से उठ रही थी मांग
आपको बता दें कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों के लिये नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है, पिछले काफी समय से इसकी मांग की जा रही थी, अब सरकार संसद में संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है।