सवर्णों के आरक्षण पर बोले ओवैसी, संविधान नहीं देता इसकी इजाजत, तो आजम ने पूछा मुसलमानों को कितना मिलेगा
ओवैसी ने कहा कि आरक्षण न्याय के लिये बना है, संविधान आर्थिक आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है।
New Delhi, Jan 08 : मोदी सरकार ने आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण दी है, अब संविधान संशोधन के बाद इसे लागू करवाने की तैयारी है, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि आरक्षण दलितों के साथ ऐतिहासिक अन्याय को सही करने के लिये है, गरीबी मिटाने के लिये कई योजनाएं चलाई जा सकती है, लेकिन आरक्षण न्याय के लिये बना है, संविधान आर्थिक आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है।
सवर्ण गरीबों को आरक्षण
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने मंगलवार को इस संबंध में संसद में संविधान संसोधन विधेयक लाई है, ये आरक्षण मौजूदा पचास फीसदी आरक्षण से अलग होगा, फिलहाल सामान्य वर्ग को कोई आरक्षण हासिल नहीं है। कहा जा रहा है कि आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी सलाना इनकम आठ लाख रुपये से कम होगी और पांच एकड़ जमीन तक होगी।
आजम खान ने क्या कहा ?
मोदी सरकार के फैसले के बाद सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने कहा कि पांच राज्यों में हार के बाद मोदी सरकार ने ये फैसला लिया है, अब मुझे ये जानना है कि इस 10 फीसदी में आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्ण मुसलमानों को कितना मिलेगा ? पूर्व मंत्री ने 10 फीसदी में से 5 फीसदी आरक्षण मुस्लिमों को देने की मांग की, उन्होने कहा कि मुस्लिमों के पास 5 गज जमीन भी नहीं है, इसलिये उनका हक सबसे पहले बनता है।
संविधान संशोधन की तैयारी
आपको बता दें कि मोदी सरकार संविधान संशोधन कर इसे लागू करने की तैयारी कर रही है, मौजूदा स्थिति के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता, जिसे संशोधन कर अब 60 फीसदी करने की तैयारी है। मोदी सरकार के इस फैसले को चुनाव से पहले सबसे बड़ा दांव कहा जा रहा है।
केजरीवाल देंगे साथ
सरकार के इस फैसले के बाद आप संयोजक ने ट्वीट कर कहा है, कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिये, वो सरकार के इस फैसले के साथ हैं, हालांकि उन्होने ये भी कहा है कि ये महज चुनावी जुमला बनकर ना रह जाए, इसलिये सरकार शीतकालीन सत्र बढाए और इसे पास कराये। वो सरकार का साथ देंगे।