बेर तोड़ने पेड़ पर चढ़ा था मासूम, गिरा और लकड़ी हो गई आर-पार, फिर भी छोटी बहन के लिए दिखाई ऐसी हिम्मत
एक मासूम अपनी बहन की छोटी सी इच्छा को पूरा करने के लिए पेड़ पर चढ़ा, लेकिन एक हादसा हो गया जिसकी वजह से वो पेड़ से गिर पड़ा और लकड़ी का एक बड़ा टुकड़ा उसके सीने से आर-पार हो गया । पूरी घटना आगे पढ़ें ।
New Delhi, Jan 10 : घटना बड़वानी, मध्यप्रदेश की है । इलाके में बुधवार को एक ऐसी घटना हुई जिसने सबको आश्चर्य में डाल दिया, बच्चे की हालत ही कुछ ऐसी थी कि सभी उसकी हिम्म्त की दाद दे रहे थे । वहीं पास में खड़ छोटी बहन जब अपने पिता से बोली कि पापा भाई को मारना नहीं तो मानों पिता का कलेजा ही फट गया । दरअसल 8 साल का मासूम सूरज अपनी 6 साल की बहन के साथ खेत में गया था, खेलते हुए वो एक बेर के पेड़ पर चढ़ गया । बेर तोड़ने के दौश्रान वो अचानक पेड़ से फिसल गया और नीचे आ गिरा ।
लकड़ी हुई सीने से आरपार
पेड़ से गिरा सूरज इससे पहले कि कुछ समझ पाता जमीन पर पड़ा एक लकड़ी का टुकड़ा उसकेदांई ओर से आर-पार हो गया था । सीने से खून निकलता देखने के बाद भी सूरज ने हिम्मत नहीं हारी । उसे अपनी छोटी बहन के लिए खुद की जिम्मेदारी का एहसास हुआ और वो उसका हाथ पकड़कर उसे घर ले गया । घटना वाली जगह से 100 मीटर दूर तक वो बिना अपना दर्द जाहिर किए बहन का हाथ पकड़े चलता रहा । घर के दरवाजे तक पहुंचते ही वो बेहोश हो गया । पिता ने जब दरवाजा खोला तो बहन ने भाई को ना डांटने के लिए कहा ।
अस्पताल की ओर दौड़े परिजन
सूरज के पिता ने जब बेटे की हालत देखी तो उनके मुंह से कुछ नहीं निकला । बेटे को लेकर वो फौरन जिला अस्पताल पहुंच गए । दोपहर करीब साढ़े तीन बजे डॉक्टर्स ने फर्स्ट एड की औपचारिकता पूरी की और उसके बाद बच्चे को इंदौर रेफर कर दिया । अस्पताल के पास ना तो ऑपरेशन की सुविधा थी और ना ही ऐसे मामले में प्रशिक्षित सर्जन । मजबूरन उन्हे मरीज को शहर के अस्पताल में रैफर करना पड़ता है ।
सूरज ने दिखाई हिम्मत
सूरज नाम के इस 8 साल के बच्चे की हिम्मत की सभी दाद दे रहे हैं ।मासूम के सीने से लकड़ी आरपार थी लेकिन वो बहन को घर लाया और अस्पताल में भी होश आने पर सारे सवालों के जवाब भी दिए । घटना के बारे में सुनकर पुलिस भी अस्पताल पहुंची और बच्चे से सवाल जवाब किए । सूरज के पिता ने बताया कि सूरज अपनी बहन से बहुत प्यार करता है । सूरज और सीमा के अलावा उनका एक और बड़ा बेटा भी है, वो उस दिन खेलने नहीं गया था ।