इस चाल से सपा-बसपा गठबंधन को  मात देंगे ‘चाणक्य’, शुरु हो चुका है अमित शाह का मिशन 50 फीसदी

बीजेपी को चिंता इस बात की है कि सपा-बसपा गठबंधन के बाद पिछले दो चुनाव में पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित वोट बैंक में कहीं सेंध ना लग जाए।

New Delhi, Jan 14 : यूपी में सपा-बसपा गठबंधन की चुनौती से पार पाने के लिये बीजेपी ने रणनीति बनानी शुरु कर दी है, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग के बाद विस्तारकों, प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री के साथ-साथ सह-प्रभारियों के साथ मैराथन बैठक की। जिसमें पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही पार्टी के साथ आये गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित वोटों को हर हाल में सहेजने के निर्देश दिये।

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बीजेपी की रणनीति
सपा-बसपा गठबंधन के ओबीसी-दलित गठबंधन के रुप में धारणा ना बनें, इसके लिये बीजेपी ने इसे यादव-जाटव गठबंधन के रुप में प्रचारित करने की रणनीति बनाई है, ताकि दूसरी जाति के पिछड़े और दलित बीजेपी के साथ आ सके, बीजेपी इस गठबंधन से पार पाने के लिये हरसंभव कोशिश कर रही है।

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50 फीसदी वोट पर नजर
अमित शाह ने बीजेपी के विस्तारकों को हर हाल में 50 फीसदी वोट हासिल करने के लिये पूरी ताकत झोंकने का निर्देश दिया है, मीटिंग में शामिल एक बीजेपी नेता के अनुसार पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिली थी, तब अगड़ी जाति के साथ-साथ गैर यादव ओबीसी और बड़े पैमाने पर गैर जाटव दलित पार्टी के साथ जुड़े थे, अमित शाह की रणनीति के अनुसार जनरल कोटा के तहत 10 फीसदी आरक्षण देने से अगड़ी जाति तो बीजेपी के साथ जुड़ी रहेगी, अब गैर यादव और गैर जाटवों को साधने की जरुरत है।

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क्या है परेशानी
बीजेपी को चिंता इस बात की है कि सपा-बसपा गठबंधन के बाद पिछले दो चुनाव में पार्टी के साथ मजबूती से खड़ा गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित वोट बैंक में कहीं सेंध ना लग जाए, इससे बचने के लिये पार्टी ये संदेश देने की कोशिश कर रही है कि अखिलेश और मायावती का पिछड़ा-दलित गठबंधन नहीं बल्कि यादव-जाटव गठबंधन है, इस क्रम में पार्टी इन दोनों दलों के गठबंधन से नाराज राजनीतिक दलों को भी साधने की योजना बना रही है, यही वजह है कि शाह ने इस वर्ग को साधे रखने के साथ ही पार्टी के मिशन 50 फीसदी को हर हाल में अमली जामा पहनाने का निर्देश जारी किया है।

पुराने सहयोगियों को जोड़े रखने पर जोर
बीजेपी मीटिंग में पुरानी सहयोगियों को साथ रखने पर भी जोर दिया गया है, आपको बता दें कि तीन राज्यों में बीजेपी की हार होने के बाद अपना दल और सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी भी तेवर दिखा रहे हैं, हालांकि अपना दल की नाराजगी यूपी बीजेपी से हैं, मोदी-शाह से उन्हें कोई शिकायत नहीं है, यूपी में एनडीए के किसी भी दल के अलग होने से प्रदेश के मतदाताओं में अलग मैसेज जा सकता है, बीजेपी अध्यक्ष इसी महीने प्रदेश का दौरा कर गठबंधन सहयोगियों के साथ बीजेपी की गांठ और मजबूत करेंगे।