यूपी के इस गांव में पेड़ की जड़ से निकली देवी प्रतिमा, पुरुष-महिला गा रहे हैं गीत, जुट रही भारी भीड़

देश में गाहे बगाहे चमत्‍कारों की खबरें आती रहती हैं, एक ऐसी ही खबर यूपी के बरेली से आई है । यहां एक गांव में ग्रामीण पेड़ से देवी की प्रतिमा निकलने का दावा कर रहे हैं । तस्‍वीरें और पूरी खबर आगे देखें ।

New Delhi, Jan 17 : भगवान गणेश का दूध पीना, रोटी में साईं की मूर्ति उभरना, आलू में गणेश दिखना, अग्नि से दुर्गा का स्‍वरूप नजर आना, बदलों में हनुमान जी की आकृति उभरना, दिए का पानी से जलना, भारत में ऐसे कई चमत्‍कार हैं जो गाहे बगाहे खबरों में हम देखते रहते हैं । ये चमत्‍कार दैविीय आशीर्वाद समझे जाते हैं, कई बार ये महज अंधविश्‍वास भी होते हैं । कुछ ऐसा ही खबरों में एक बार फिर सामने आ रहा है, इसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे ।

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बरेली में हुआ चमत्‍कार
उत्‍तर प्रदेश के शहर बरेली में एक गांव अचानक से चर्चा में आ गया है । यहां आंवला के नगरियासतन गांव में एक पीपल का पेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है । यहां एक मंदिर के पास पीपल के पेड़ की जड़ से देवी प्रतिमा निकलने का दावा किया जा रहा है । एक के बाद एक लोगों में जब ये खबर पहुंची तो यहां आने वालों की भीड़ जुटने लगी । लोग इसे देवी का चमत्‍कार मान रहे हैं और यहां आशीर्वाद लेने आ रहे हैं ।

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पूर्जा अर्चना शुरू
शनिवार को अचानक ही किसी ग्रामीण ने इस देवी प्रतिमा को जड़ के बीच में से बाहर निकलता हुआ देखा । देखते ही देखते ये खबर जंगल में आग की तरह पूरे गांव में फैल गई । लोगों का जुटना शुरू हो गया और धीरे – धीरे इस बात पर श्रद्धा रखने वाले पेड़ के सामने बैठकर पूजा अर्चना करने लगे । महिला- पुरुष देवी गीत गाकर भगवान को प्रसन्‍न करने में जुट गए हैं । अब तो यहां आसपास से लोगों का आना भी शुरू हो गया है ।

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इस तरह चला पता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आंवला के नगरिया सतन गांव की रहने वाली ओमवती सुबह-शाम पीपल के पेड़ के सामने दिया करती हैं । ओमवती ने इस बारे में बताया कि शनिवार शाम को वो पेड़ पर दिया जलाने के लिए पहुंची  तो पेड़ की जड़ पर उन्हें ये छोटी से मूर्ति जैसी दिखाई दी । उन्होंने इसे देवी दर्शन माना और इसके बारे में पड़ोसियों को भी बताया । खबर को पूरे गांव में फैलते देर नहीं लगी और धीरे-धीरे ये बात पूरा गांव दर्शन को पहुंच गया ।

मूर्ति निकालने की भी हुई कोशिश
ऐसा नहीं है कि लोगों ने इस पर फौरन विश्‍वास कर लिया हो, किसी की शरारत जानकर इस मूर्ति को यहां से निकालने की भी कोशिश की गई लेकिन वो मूर्ति जड़ से ही बनी हुई थी । जिसे हटाना संभव नहीं हुआ । जिसके बाद लोगों का विश्‍वास इसमें पूरी तरह से हो गया । इसके बाद यहां दर्शन के लिए आने वाले लोगों ने पूजा अर्चना शुरू कर दी और गीत आदि गाए जाने लगे । ग्रामीणों की मानें तो इस मूर्ति का आकार रोज ही बढ़ रहा है ।