ईशांत शर्मा फूट-फूट कर रो रहे थे, तो पत्नी ने कहा था, ‘क्रिकेट को सिर पर मत चढाओ’

18 गेंदों में 44 रनों की जरुरत थी, कप्तान ने गेंद ईशांत को पकड़ाई, क्रीज पर जेम्स फॉकनर थे, उन्होने ईशांत की पिटाई करते हुए उनकी गेंदों की धज्जियां उड़ा दी।

New Delhi, Jan 23 : बात साल 2013 की है, ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई थी, तब तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा एकदिवसीय टीम का हिस्सा थे, दोनों टीमों के बीच तीसरा वनडे मैच मोहाली में खेला गया, टीम इंडिया ने इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 303 रन बनाये, जवाब में कंगारु टीम मैच हारने के कगार पर थी, अगले 18 गेंदों में 44 रनों की जरुरत थी।

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ईशांत शर्मा की जबरदस्त पिटाई
18 गेंदों में 44 रनों की जरुरत थी, कप्तान ने गेंद ईशांत को पकड़ाई, क्रीज पर जेम्स फॉकनर थे, उन्होने ईशांत की पिटाई करते हुए उनकी गेंदों की धज्जियां उड़ा दी, कंगारु ऑलराउंडर ने उस ओवर में 4,6,6,2,6,6 रन लगाते हुए कुल 30 रन बटोरे, इसके बाद कंगारु टीम को 12 गेंदों में 14 रनों की जरुरत रही, ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले को 4 विकेट से जीत लिया था। मैच के बाद भारतीय फैंस ने ईशांत को निशाना बनाया, उन्हें मैच का मुजरिम करार दिया, मैच के बाद ईशांत के दिल पर क्या गुजरी इसका खुलासा हाल ही में उन्होने खुद किया, वो इतने निराश थे, कि उनकी पत्नी को कहना पड़ा, कि क्रिकेट को इतना सिर पर चढाकर ना रखो।

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फूट-फूट कर रोया
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए ईशांत ने कहा कि मुझे लगता है कि वो पहला दिन था, जब मैं फूट-फूटकर रोया, सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि कम से कम 15 दिनों तक रोया, ये मेरे करियर के लिये सबसे बड़ा आघात था, मैं उस ओवर को फॉकनर ओवर कहता हूं। ईशांत ने कहा कि मैं खुद के प्रति काफी कठोर हूं, अपनी खामियों को नजरअंदाज नहीं करता, मैंने भारत के लिये मैच गंवाया था, ये मेरे करियर का सबसे बुरा दिन था, उस सदमे से उबरने के लिये दोस्त राजीव महाजन और पत्नी प्रतिमा सिंह ने मदद की।

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पत्नी ने दी सलाह
ईशांत ने बताया कि मैं सच में डिप्रेशन में था, मैं उस समय अपनी प्रतिमा को डेट कर रहा था, उसने तब मुझसे कहा था कि आप दो चीजें कर सकते हैं, या तो घर बैठो या फिर बाहर निकलो और खूब मेहनत करो, ये सलाह तो सामान्य सी लगती है, लेकिन इससे मुझे बेहद फायदा हुआ, इससे मेरा जीवन बदल गया, हालांकि इस बारे में मैने अपनी पत्नी को कभी नहीं बताया।

क्रिकेट को सिर पर ना चढाओ
प्रतिमा ने कहा कि मैंने वो मैच नहीं देखा था, लेकिन जैसे ही मुझे तीस रन देने की बात पता चली, मैंने उन्हें तुरंत मैसेज किये, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया, इसके बाद मैंने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा था कि क्रिकेट ही सबकुछ नहीं है, बहुत बड़ी जिंदगी है, क्रिकेट को सिर पर चढाकर ना रखा करो। आपको बता दें कि ईशांत की पत्नी प्रतिमा सिंह बॉस्केटबॉल में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करती हैं, वो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।