सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका पर भारी पड़ सकता है बीजेपी का ‘भागवत’ दांव, अभी कई ब्रह्मास्त्र बाकी हैं

सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में एंट्री के बाद संघ के शिविर में हलचल तेज हो गई है, सभी का कहना है कि कांग्रेस ने अपने तुरुप का इक्का फेंक दिया है।

New Delhi, Jan 24 : लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल अपने स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं, सपा-बसपा ने गठबंधन का ऐलान किया, तो कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को महासचिव बनाकर सक्रिय राजनीति में उतारने की घोषणा कर दी, अब सबकी नजरें बीजेपी की ओर टिकी है, कहा जा रहा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर प्रवास पर हैं, यूपी में बदल रहे राजनीतिक माहौल पर गंभीर चिंतन जारी है।

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संघ की बड़ी भूमिका
सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में एंट्री के बाद संघ के शिविर में हलचल तेज हो गई है, सभी का कहना है कि कांग्रेस ने अपने तुरुप का इक्का फेंक दिया है, अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा, कि ये इक्का कारगर साबित होता है, या फिर नहीं, लेकिन संघ और बीजेपी ने इसे काटने के लिये नई रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है।

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कानपुर में हैं भागवत
आपको बता दें संघ प्रमुख मोहन भागवत कानपुर प्रवास पर हैं, उनके प्रवास के दूसरे दिन बुधवार को आरएसएस सह कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले और व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक भी पहुंचे, सूत्रों का दावा है कि इसी महीने 30 जनवरी को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और सीएम योगी भी मोहन भागवत से मुलाकात करेंगे। जिसमें रणनीति को धरातल पर उतारने की बात की जाएगी।

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स्वयंसेवक सेवा कार्यों को लेकर गंभीर
प्रवास के दूसरे दिन संघ प्रमुख ने प्रांत और विभाग स्तर के स्वयं सेवकों और पदाधिकारियों से कहा, कि वो अपने-अपने क्षेत्रों में सेवा कार्यों को गंभीरता से संचालित करें, सेवा कार्यों के जरिये ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जा सकता है, इसके साथ ही मोहन भागवत ने कहा कि प्रदेश और देश की वर्तमान परिस्थितियों से आम लोगों को अवगत कराने की जरुरत है, उन्हें मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताने की जरुरत है। ताकि वो सीधी धारा से जुड़ सकें।

अमित शाह से बातचीत
भागवत ने इस बात के भी संकेत दिये, कि यूपी में स्वयंसेवकों को घर-घर जाने की जरुरत है, ताकि इसका फायदा चुनाव में बीजेपी को मिल सके, इसके साथ ही कहा जा रहा है कि कानपुर में रैली के लिये आ रहे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह संघ प्रमुख से मुलाकात करेंगे, जिसमें वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को लेकर चर्चा हो सकती है।