BJP के इस विधायक के बारे में नहीं जानते होंगे आप, झोपड़ी में रहते हैं, अब जनता चंदा जुटाकर बना रही है घर

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा सीट के आदिवासी बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी जो अब करीब 60 वर्ष के हैं, गरीबी के चलते अपनी पत्नी के साथ आज भी कच्चे मकान में ही रहते हैं । विधायक होकर भी ना उनके पास शान है ना ही वो रुतबा ।

New Delhi, Jan 29 : एक बार विधायक बन गए तो बस जिंदगी सेट, ऐसा ही कुछ सुनने में आता है नेताओं के मुंह से जनता के मुंह से । चुनाव जीत गए तो फिर कोई गरीबी नहीं, तकलीफ नहीं । लेकिन जरा सोचिए एक ऐसे विधायक के बारे में जो तीन बार से चुनाव लड़ रहा है । दो चुनाव में शिकस्‍त मिली लेकिन पिछले चुनाव में भारी मतों से विजयी हुए । मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा सीट से आदिवासी विधायक सीताराम की जीवनशैली आपको हैरान कर सकती है । विधायक होते हुए एक सामान्‍य जीवन आखिर कैसे, आगे पढ़ें ।

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कच्‍चे मकान में रहते हैं विधायक साहब
ये स्‍टोरी है सीताराम आदिवासी की । जिन्‍होने पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव मेंकांग्रेस के कद्दावर नेता रामनिवास रावत को शिकस्त दी थी । जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा सीट के आदिवासी बीजेपी विधायक सीताराम आदिवासी जो अब करीब 60 वर्ष के हैं, गरीबी के चलते अपनी पत्नी के साथ आज भी कच्चे मकान में ही रहते हैं । विधायक होकर भी ना उनके पास शान है ना ही वो रुतबा ।

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जनता बना रही है पक्‍का मकान
सीताराम आदिवासी को अपना नेता चुनने वाले स्थानीय लोगों ने अब उनके लिए पक्‍के मकान की व्‍यवस्‍था करनी शुरू कर दी है  ।वो नहीं चाहते कि उनके नेता जी कच्चे मकान में रहें ।  लिहाजा लोग आपसी सहयोग से चंदा इकठ्ठा कर रहे हैं ताकि सीताराम आदिवासी का पक्‍का मकान तैयार किया जा सकते । सीताराम आदिवासी गरीबी के कारण अब तक कच्‍चे मकान में रहते आ रहे थे, लेकिन बहुत जल्‍द उनके समर्थक उन्‍हें चाहने वाले उन्‍हें पक्‍के मकान का तोहफा देने वाले हैं ।

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हाल ही में जीते हैं विधानसभा चुनाव
बीते साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता रामनिवास रावत को शिकस्त देकर सीताराम ने ये सीट भाजपा के नाम कर दी । सीताराम साल 2008 और 2013 में कांग्रेस प्रत्‍याशी रामनिवास रावत से बीजेपी की टिकट पर हार गए थे । सीताराम का रहन-सहन एकदम साधारण ग्रामीण अंदाज का है । सीताराम श्योपुर जिले के कराहल विकासखंड के पिपरानी गांव के रहने वाले हैं । अब उनके समर्थक अपने विधायक जी के लिए इस गांव में दो कमरों का छोटा सा पक्का मकान तैयार कर रहे हैं । सीताराम की कोई संतान नहीं है ।

‘संघर्षशील नेता हैं सीताराम, हर काम में आगे’ 
स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्‍हें अच्छा नहीं लगता कि उनके विधायक ऐसे कच्‍चे घर में रहे । उनका कहना है कि सीताराम हमेशा उनके लिए संघर्ष करते आए हैं । जब जहां जरूरत होती है वो हमेशा साथ चलते हैं । समर्थकों द्वारा मकान बनाने पर विधायक सीताराम ने कहा, ”मेरे पास पैसा नहीं है, इसलिए अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में रहता हूं । लोगों ने सहयोग के तौर पर पक्का मकान बनाने के लिए मुझे 100 से 1000 रुपये दिए हैं । ये पैसे लोगों ने मुझे विजयपुर सीट से जीतने के बाद स्वागत के दौरान दिये ।इतना ही नहीं, विजयपुर में मुझे जनता ने सिक्कों से भी तौला है । इस रकम से मकान निर्माण का शुरू कर दिया गया है ।”

सीताराम का शपथपत्र
विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान सीताराम ने जो शपथ पत्र चुनाव आयोग में भरा था उसके अनुसार उनके पास केवल 46,733 रूपये हैं, जिनमें से 25,000 नकद और 21,733 रूपये दो बैंक खातों में हैं । इसके अलावा, उनके पास 2.817 एकड़ जमीन और 600 वर्ग फुट की झोपड़ी है, जो उन्हें विरासत में मिले हैं । इनका अनुमानित बाजार मूल्य करीब 5,00,000 रूपये है । सीताराम की पत्‍नी कहती हैं कि अब उन्‍हें लगता है कि उनके दिन फिरने वाले हैं ।