अमित शाह ने उद्धव ठाकरे को किया फोन, महाराष्ट्र में बदल सकते हैं ‘राजनीतिक समीकरण’

शिवसेना प्रवक्ता और उद्धव ठाकरे के करीबियों में गिने जाने वाले संजय राउत ने बड़े भाई की भूमिका की बात कहकर परोक्ष रुप से गठबंधन के संकेत दे दिये हैं।

New Delhi, Jan 31 : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन कर आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर जल्द निर्णय करने को कहा है, सूत्रों का दावा है कि अमित शाह ने खुद बुधवार को उद्धव ठाकरे को फोन किया और इस संदर्भ में बात की, अमित शाह ने ठाकरे से कहा कि पुरानी सहयोगी पार्टी होने के नाते एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिये।

Advertisement

बड़े भाई की बात
आपको बता दें कि शिवसेना लगातार अपने बयानों में बदलाव कर रही है, महाराष्ट्र में शिवसेना के सहयोग से सरकार चल रही है, इसके बावजूद वो विपक्ष की तरह बर्ताव करता रहा है, कुछ दिनों पहले शिवसेना ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, इसके बाद फिर दो दिन पहले सुर बदलते हुए बड़े भाई की भूमिका की मांग की, यानी शिवसेना बीजेपी के साथ मोलभाव में लगी हुई है।

Advertisement

गठबंधन के संकेत
शिवसेना प्रवक्ता और उद्धव ठाकरे के करीबियों में गिने जाने वाले संजय राउत ने बड़े भाई की भूमिका की बात कहकर परोक्ष रुप से गठबंधन के संकेत दे दिये हैं, हालांकि सीएम देवेन्द्र फडण्वीस ने इशारों में शिवसेना को संकेत दे दिये हैं, कि बीजेपी गठबंधन के लिये लाचार नहीं है, इसलिये इस प्रस्ताव पर सोच विचार लें, नहीं तो सबसे ज्यादा नुकसान उन्हीं का होगा।

Advertisement

गठबंधन के लिये लाचार नहीं
महाराष्ट्र सीएम देवेन्द्र फडण्वीस ने कहा था कि बीजेपी गठबंधन के लिये उतावली नहीं है, लेकिन हिंदुत्व समर्थक होने के नाते बीजेपी चाहती है, कि लोकसभा चुनाव में शिवसेना के साथ गठबंधन हो, ताकि हिंदुत्व के वोटों का बंटवारा ना हो। इससे पहले शिवसेना प्रमुख ने एकला चलो का राग अलापा था, पार्टी के मुखपत्र के जरिये उन्होने पीएम मोदी पर निशाना भी साधा था।

दोनों को होगा नुकसान
महाराष्ट्र में यूपी के बाद लोकसभा की सबसे ज्यादा 48 सीटें है, पिछली बार बीजेपी 26 में 23 और शिवसेना ने 22 में 18 सीटें जीती थी, जबकि इस बार आंतरिक सर्वे का दावा है कि अगर दोनों पार्टी अलग लड़ी, तो बीजेपी को कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है, हालांकि पहले जैसी स्थिति में वो आ जाएगी, लेकिन शिवसेना को ज्यादा नुकसान होगा, इससे एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को फायदा मिलेगा, इसलिये बीजेपी चाहती है कि शिवसेना के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरा जाए।