अलगाववादी नेताओं पर मोदी सरकार की सर्जिकल स्‍ट्राइक, देश की सुरक्षा खतरे में डालने वालों के खिलाफ बड़ा एक्‍शन

पुलवामा हमले के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए  घाटी में मीरवाइज समेत 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है । 44 सीआरपीएफ जवानों के मारे जाने की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है ।

New Delhi, Feb 17 : जम्‍मू – कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आतंकवादी हमले के बाद केन्‍द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है । घाटी में अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई हैं । इस खबर से पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था ‘’पाकिस्तान और आईएसआई से पैसा लेने वाले कुछ लोग कश्मीर में हैं. इन लोगों को मिली सुरक्षा पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है।’’ इस बयान के बाद ही घाटी के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापसी की खबर आ गई ।

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मीरवाइज समेत 5 की सुरक्षा वापस
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारुक समेत पांचअलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है । मामले में एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि 5 नेताओं और अन्य अलगाववादियों को अब किसी भी चीज की आड़ में किसी भी तरह की कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी । सूत्रों के वाले से शनिवार को ही खबर आई थी कि भारत सरकार ने हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापसी के आदेश दिए हैं ।

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इन नेताओं की सुरक्षा वापस
जिन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन ने वापस ली है उनमें मीरवाइज उमर फारुक के अलावा अब्दुल घनी भट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शब्‍बीर शाह शामिल हैं । आपको बता दें शनिवार को ही सीसीएस,  कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में पड़ोसी मुलक पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने को लेकर कई अहम फैसले लिए गए । रक्षा से लेकर डिंफेस से लेकर डिप्लोमेट लेवल तक पाकिस्तान की घेराबंदी की भी जरूरत पर बात हुई ।

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राजनाथ का बयान
घटना के बाद से देश में गुस्‍सा उबाल पर है । केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान और आईएसआई से आर्थिक मदद लेने वालों की सरकारी सुरक्षा पर भी नए सिरे से विचार किया जाएगा । उन्‍होने बिना नाम लिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर भी हमला किया । राजनाथ सिंह ने कहा था, ‘’पाकिस्तान और आईएसआई से पैसा लेने वाले कुछ लोग कश्मीर में हैं ।  इन लोगों को मिली सुरक्षा पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है । जम्मू कश्मीर में कुछ तत्वों के तार आईएसआई और आतंकी संगठनों से जुड़े हैं ।’’