जवानों को पीएम मोदी का बड़ा तोहफा, सेना कर रही थी लंबे समय से मांग, 55 साल से किसी सरकार ने नहीं किया

दिल्‍ली में आज नेशनल वॉर मैमोरियल का उद्घाटन होने जा रहा है । देश की रक्षा में शहीद हुए हजारों जवानों की याद में बनाए गए इस वॉर मैमेरियल की मांग कई वर्षों पुरानी थी ।

New Delhi, Feb 25 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्‍ली में इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल को सेना को समर्पित करेंगे । यह मैमोरियल उन जवानों के प्रति सम्मान का प्रतीक होगा, जिन्‍होने देश के सुरक्षा में अपनी जान न्‍यौछावर कर दी । इस कार्यक्रम का आयोजन सै‍न्‍य परंपरा के अनुसार होगा । जिसके बाद ये मैमोरियल सेना को सौंप दिया जाएगा । ये मैमोरियल 25 हजार 942 से ज्‍यादा शहीद जवानों की याद में बनाया गया है। इस वॉर मैमोरियल में इन जवानों से जुड़ी कई ऐसी जानकारियां होंगी जो आपके रोंगटे खड़ी कर देंगी ।

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500 करोड़ रुपए की लागत
नेशनल वॉर मेमोरियल की शुरुआती लागत 500 करोड़ रुपए बताई जा रही है । अभी इसको औ र तैयार होना बाकी है । इसे ऐसे तैयार किया गया है, जिससे राजपथ की सुंदरता से छेड़छाउ़ हुए बिना इसे ओर भव्‍य बनाया जाए । वॉर मैमोरियल की लागत फिल्‍हाल 500 करोड़ बताई गई है जिसके तैयार होने में अभी कुछ सालों का समय और लगेगा ।

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बेहद खास होगा डिजाइन
इस वॉश्र मैमोरियल को हेक्सागोन में डिजाइन किया गया है, यानी 6 भुजाओं वाली आकृति । इस मैमोरियल के एकदम बीच में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है । जिस पर भित्ति चित्र, ग्राफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्तियां बनाई गई है । ये स्मारक चार चक्रों पर केंद्रित है ये इस प्रकार हैं अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र । यहां थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है । मैमोरियल की दावार की ईंटों में शहीदों के नाम भी उकेरे गए हैं ।

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4 साल पहले निर्माण को मिली मंजूरी
साल 1960 में पहली बार सेना द्वारा वॉर मैमोरियल को बनाने का प्रस्‍ताव दिया गया था । लेकिन सरकारों की उदासीनता के कारण, ब्यूरोक्रेट्स और सेना के बीच गतिरोध की वजह से इसका निर्माण नहीं हो पाया । मोदी सरकार ने अक्टूबर 2015 में इस स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी थी ।  आपको बता दें भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अब तक युद्ध स्मारक का निर्माण नहीं हुआ था । इससे पहले 1931 में अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध में शहीद भारतीयों की याद में इंडिया गेट बनवाया था जबकि 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में बाद में यहीं अमर जवान ज्योति बनाई गई थी ।