60 घंटे बाद जब रखा देश की धरती पर कदम, ये थे वीर अभिनंदन के पहले शब्द
लेकिन सेना के जवान का वो ताव भी मौजूद था जो देश को गर्व से भर रहा था । उनकी सीधी आंख पर चोट के निशान थे, लेकिन उस दर्द की अभिनंनदन को कहां परवाह रही होगी, वो तो मां भरती की सेवा में काम कर रहे थे ।
New Delhi, Mar 02 : विंग कमांडर अभिनंदन सकुशल देश लौट आए हैं । दूसरे मुल्क द्वारा बंदी बनाए जाने और फिर इसके बाद उनकी रिहाई के बाद अब वो उस प्रक्रिया का हिस्सा हैं जिससे ऐसे जवानों को गुजरना पड़ता है । पहले मेडिकल, फिर पूछताछ, डीप ब्रीफिंग और भी बहुत कुछ । कहने को तो कहा जा सकता है कि अभिनंदन सिर्फ 60 घंटे पाकिस्तानी सरजमीं में बिता कर आए हैं, लेकिन उनके लिए वो समय कैसा रहा होगा इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है ।
जब सामने आईं वो तस्वीरे
शुक्रवार रात 9.20 बजे का वो समय, जब अभिनंदन की वापसी का इंतजार कर रहा हर वो शख्स भगवान को धन्यवाद देने लगा, पाकिस्तान वाघा बॉर्डर से सामने आईं अभिनंदन की तस्वीरें राहत भरी थीं । उनकी सकुशल वापसी की कामना कर रहे देश वासी देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत नजर आए । जरा सोचिए उस जवान के बारे में जो दुश्मन देश की सरजमीं पर दो दिन से ज्यादा वक्त बिताकर आया । जहां उसे ये नहीं मालूम था कि वो वापस घर भी लौट पाएगा कि नहीं ।
मुस्कुरा रहे थे अभिनंदन
वीर अभिनंदन की तस्वीरें जिसने भी देखीं उसकी आंखें छलछला उठीं । अभिनंदन वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी दरवाजे के पार अपनी उस भारत मां को देख पा रहे थे जिनसे वो एक चूक के कारण बिछड़ गए थे । अपनी सरजमीं के दिखने की खुशी उनकी आंखों में चमक बनकर सब देख रहे थे । अभिनंदन के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट थी । लेकिन सेना के जवान का वो ताव भी मौजूद था जो देश को गर्व से भर रहा था । उनकी सीधी आंख पर चोट के निशान थे, लेकिन उस दर्द की अभिनंनदन को कहां परवाह रही होगी, वो तो मां भरती की सेवा में काम कर रहे थे ।
अभिनंदन के पहले शब्द
मीडिया सूत्रों के अनुसार अभिनंदन को जब भारत की धरती पर लाया गया तो अणिकारयिों ने ही उन्हें रिसीव किया । अभिनन्दन के भारत लौटने पर पहले शब्द यहीं बताए जा रहे हैं, उन्होने कहा – अच्छा लग रहा है । जाहिंर है 60 घंटे से ज्यादा समय दुश्मन देश में बिताकर लौटने वाला जवान और क्या कहेगा । वतन लौटकर अच्छा लग रहा है । मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अभिनन्दन बेहद भावुक भी थे, देश लौटने की खुशी वो बयां नहीं कर सकते थे । लेकिन एक मजबूत योद्धा के रूप में वो अधिकारियों से मिले ।