मिशन शक्ति की सफलता से पड़ोसी मुल्‍क खौफजदा, पाकिस्‍तान – चीन में गुपचुप बातचीत, अमेरिका भी कूदा  

 “हमे आशा है कि जिन देशों ने अतीत में अन्य देशों द्वारा प्रदर्शित की गई इसी तरह की क्षमता की निंदा की थी, वे बाह्य अंतरिक्ष से संबंधित सैन्य खतरों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय तंत्र विकसित करने की दिशा में काम करेंगे.”

New Delhi, Mar 28 : मिशन शक्ति की सफलता ने भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है । अंतरिक्ष में हुए इस बड़े कारनामे के साथ भारत एक ‘अंतरिक्ष महाशक्ति’ बन गया है । हालांकि भारत की ये सफलता उन देशों को हजम नहीं हो रही है जो भारत को आगे बढ़ता देख परेशान हो उठते हैं । इन देशों में सबसे पहला नाम है पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान का और फिर चीन का । दोनों ही देशों को भारत की सफलता गले नहीं उतर रही है । पाकिस्‍तान ने भारत के इस मिशन के बाद एक बयान दिया, जिससे उसका खौफ साफ नजर आ रहा है ।

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पाकिस्तान का बयान
अंतरिक्ष में भारत की इस बड़ी कामयाबी के बाद पाकिस्तान की ओर से बयान आया । पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने मीडिया को कहा –  “पाकिस्तान बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ रोकने का एक मजबूत समर्थक रहा है।” फैसल ने आगे कहा – “अंतरिक्ष मानव की सामूहिक विरासत है और प्रत्येक राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि इस क्षेत्र का सैन्यीकरण करने वाली गतिविधियों से बचा जाए ।”

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अंतरिक्ष कानूनों की दी दुहाई
फैसल ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों में कमियों को दूर करने की जरूरत गिनाई, और कहा कि ऐसा इसलिए जरूरी है ताकि कोई भी देश सामाजिक आर्थिक विकास की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों और शांतिपूर्ण गतिविधियों के समक्ष खतरा पैदा न कर सके । पाकिस्‍तान की ओर से आगे कहा गया कि – “हमे आशा है कि जिन देशों ने अतीत में अन्य देशों द्वारा प्रदर्शित की गई इसी तरह की क्षमता की निंदा की थी, वे बाह्य अंतरिक्ष से संबंधित सैन्य खतरों को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय तंत्र विकसित करने की दिशा में काम करेंगे.”

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मिशन शक्ति  पर अमेरिका का बयान
वहीं अमेरिका ने मिशन शकित परीक्षण में भारत का साथ दिया है । हालांकि अमेरिका ने अंतक्षि में मलबे को लेकर अपनी चिंता भी जाहिर की । अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट की ओर से आए बयान में कहा गया – ”हमनें उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण से संबंधित पीएम मोदी के संबोधन को देखा । भारत के साथ हमारी मजबूत रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में हम अंतरिक्ष में साझा हितों और सुरक्षा पर वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के बिंदु पर आगे बढ़ना जारी रखेंगे ।” गौरतलब है कि भारत के उपग्रह रोधी मिसाइल परीक्षण पर चीन ने कहा था कि वो उम्‍मीद करते हैं कि सभी देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाये रखेंगे । चीन, रूस और अमेरिका के बाद भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है ।

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