चाचा शिवपाल के चक्रव्यह को तोड़ पाएगा भतीजा, यादव परिवार की साख दांव पर
शिवपाल यादव पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, वो अभी तक विधानसभा ही लड़ते थे, वो समाजवादी पार्टी के गढ कहे जाने वाले फिरोजाबाद सीट से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय को चुनौती दे रहे हैं।
New Delhi, Apr 22 : कल तीसरे चरण का मतदान होना है, यूपी में सबकी नजर यादव परिवार पर लगी है, आपको बता दें कि यूपी में तीसरे चरण के लिये 9 सीटों पर मतदान होना है, जिसमें मुलायम परिवार के चार सदस्यों की किस्मत दांव पर लगी हुई है, जिसमें से सबसे अहम दिलचस्प मुकाबला फिरोजाबाद का माना जा रहा है, जहां चाचा शिवपाल और भतीजे अक्षय यादव की लड़ाई है, इसके अलावा मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, तो धर्मेन्द्र यादव बदायूं से ताल ठोंक रहे हैं।
6 सदस्य लड़ रहे लोकसभा चुनाव
आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव के परिवार से अब तक 6 लोगों को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है, साथ ही छोटी बहू अपर्णा और तेज प्रताप के लिये भी सीट ढूंढी जा रही है, तीसरे चरण में चार लोगों की किस्मत दांव पर है, फिरोजाबाद में तो एक ही सीट से परिवार के दो सदस्य आमने-सामने हैं, अखिलेश यादव अक्षय के प्रचार के लिये पहुंचे थे और चाचा पर जमकर निशाना साधा था।
गढ बचाने की चुनौती
शिवपाल यादव पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, वो अभी तक विधानसभा ही लड़ते थे, वो समाजवादी पार्टी के गढ कहे जाने वाले फिरोजाबाद सीट से रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय को चुनौती दे रहे हैं, आपको बता दें कि यादव बेल्ट फिरोजाबाद सपा का गढ माना जाता है, तो शिवपाल का भी यहां अच्छा जनाधार बताया जाता है, यहां के कुछ स्थानीय नेता और कार्यकर्ता खुलकर शिवपाल यादव के साथ घूम रहे हैं।
2014 में जीते थे अक्षय
2014 लोकसभा चुनाव में कथित मोदी लहर के बावजूद अक्षय यादव ये सीट जीतने में सफल रहे थे, उससे पहले 2009 लोकसभा चुनाव में खुद अखिलेश यादव यहां से चुनावी मैदान में उतरे थे, हालांकि 2009 में वो दो सीट से जीते थे, तो फिरोजाबाद सीट उन्होने छोड़ दिया था, जिसके बाद डिंपल यादव उपचुनाव में उतरी, लेकिन कांग्रेस के राज बब्बर ने उन्हें हरा दिया था, जिसके बाद डिंपल कन्नौज से चुनाव लड़ने लगी, और फिरोजाबाद सीट से अक्षय उतरे, कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि इस सीट पर यादव परिवार का बरसों से नाता रहा है।
बीजेपी ने संघ पृष्टभूमि का उम्मीदवार उतारा
चाचा-भतीजे की लड़ाई का फायदा उठाने के लिये बीजेपी ने आरएसएस कार्यकर्ता डॉ. चंद्रसेन जादौन को उम्मीदवार बनाया है, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चाचा-भतीजे की सीधी लड़ाई का फायदा बीजेपी उम्मीदवार को मिल सकता है, हालांकि क्या परिणाम होगा, ये तो 23 मई को ही पता चलेगा।