29 साल बाद हुई कश्‍मीरी पंडित की घर वापसी, शिवसेना ने प्रधानमंत्री को श्रेय देकर कही बड़ी बात

“कश्मीरी पंडितों की घर वापसी होगी और पंडित सुरक्षित रूप से अपना उद्योग और व्यवसाय दोबारा शुरू करेंगे यही मोदी की इच्छा थी और उसी इच्छा के अनुसार रोशनलाल ने दोबारा कश्मीर में कदम रखा है।”

New Delhi, May 05 : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में जमकर तारीफ की है । शिवसेना ने ये संपादकीय खास तौर पर एक कश्‍मीरी पंडित की घर वापसी पर आज दिया है । इसमें प्रधानमंत्री मोदी की हिम्‍मत और उनके काम के तरीके को श्रेय दिया गया है । शिवसेना की ओर से ऐसा कहा गया है कि प्रधानमंत्री की वजह से कश्‍मीर में विकास कार्य हुए, रोजगार दिया जा रहा है, आतंकवाद की गर्दन मरोड़ दी गई है जिसका परिणाम ही है, रोशन लाल की घर वापसी ।

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कश्‍मीरी पंडित की घर वापसी
सामना में रोशनलाल की कहानी बताते हुए लिखा गया है – मोदी के कारण देश में अच्छी घटनाएं घटने लगी हैं और रोज ही कुछ-न-कुछ अच्छा होने से देश में खुशी के क्षण आने लगे हैं। करीब २९ वर्ष के बाद ७४ वर्ष के रोशनलाल नामक कश्मीरी पंडित श्रीनगर वापस लौटे हैं। कश्मीरी पंडितों की घर वापसी होगी और पंडित सुरक्षित रूप से अपना उद्योग और व्यवसाय दोबारा शुरू करेंगे यही मोदी की इच्छा थी और उसी इच्छा के अनुसार रोशनलाल ने दोबारा कश्मीर में कदम रखा है। रोशनलाल नामक कश्मीरी पंडित के जीवन की कहानी जितनी रोमांचक है उतनी ही संवेदनशील है। श्रीनगर में वे एक दुकान चलाते थे। अक्टूबर १९९० में कुछ अज्ञात आतंकवादियों ने उन पर जानलेवा हमला किया। उसके बाद वे कश्मीर छोड़कर पुरानी दिल्ली आए और फल बेचने का व्यवसाय करने लगे ।

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29 वर्षों बाद लौटे हैं रौशनलाल
सामना में लिखा है कि अब करीब २९ वर्षों के बाद वे फिर से कश्मीर में लौटे हैं और अपना पुराना व्यवसाय उन्होंने शुरू कर दिया है। रोशनलाल के मित्र और पड़ोसियों ने उनका स्वागत किया है। कई लोगों की आंखों से तो खुशी के आंसू बहने लगे। रोशनलाल ने पिछले २९ वर्षों में दिल्ली में अपना व्यवसाय जमा लिया था। खुद का मकान और व्यवसाय जब दिल्ली में फल-फूल रहा था तब उनका मन खुद की भूमि की ओर मतलब कश्मीर की तरफ लालायित था। और अंतत: वे कश्मीर वापस लौट गए। रमजान महीना शुरू होनेवाला है इसलिए ड्रायफूट और खजूर का व्यवसाय उन्होंने शुरू किया है। उनकी दुकान से माल खरीदने के लिए मुसलमान भाइयों की भीड़ जमा होने लगी है।

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प्रधानमंत्री ने दी हिममत
सामना में आगे लिखा गया है – मोदी द्वारा हिम्मत दिए जाने के कारण ही रोशनलाल को लगा कि वापस कश्मीर लौटा जाए। रोशनलाल के पदचिह्नों पर चलकर हजारों कश्मीरी पंडित घर वापसी करेंगे, इस बारे में हमारे मन में तनिक भी संदेह नहीं। कश्मीर हिंदुस्थान का अविभाज्य अंग है और उसके लिए सेना, नागरिक और राजनीतिक नेताओं ने अपना बलिदान दिया है। आतंकवादियों ने पंडितों को मारा और बचे हुए लोगों को बंदूक की नोक पर भगा दिया। इसीलिए अपने ही देश में निर्वासित होने की नौबत कश्मीरी पंडितों पर आई। उन पंडितों की घर वापसी हो इसके लिए कांग्रेसी शासन में किसी भी तरह की कोई कोशिश नहीं हुई। लेकिन मोदी के कारण कश्मीर में विकास भी हो रहा है, रोजगार का निर्माण हो रहा है, आतंकवादियों का खात्मा हो रहा है और अलगाववादियों की गर्दन मरोड़कर कश्मीर का भय दूर किया जा रहा है।

मोदी को श्रेय देना ही होगा
सामना में इस पूरे घटनाक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है कि मोदी को यह श्रेय देना ही पड़ेगा। पिछले कुछ दिनों में जैश-ए-मोहम्मद की कमर कश्मीर में तोड़ी गई और उसके मुखिया मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित कराकर मोदी ने पाकिस्तान को उल्टे टांगकर मारा है। उसका परिणाम ऐसा हुआ कि घाटी में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। परिणामस्वरूप रोशनलाल जैसे ‘पंडित’ कश्मीर में वापस लौटने लगे हैं। आज एक रोशनलाल आया। उसके कदमों पर कदम रखकर कल हजारों किशनलाल, मोहनलाल, रामलाल और नंदलाल घाटी में आएंगे और नंदनवन फिर से सुख और शांति से गुलजार हो जाएगा। कश्मीर हमारे देश का बहता हुआ जख्म है। हिंदुस्थान और पाकिस्तान के बीच तनाव का एक मुख्य कारण कश्मीर ही है।
(पूरा लेख हिंदी सामना में पढ़ा जा सकता है)