चालू चुनाव में नीतीश कुमार ने बदली रणनीति, वजह है बेहद खास

जाहिर सी बात है कि नीतीश कुमार की छवि और आचार-व्यवहार से ये थोड़ा हटकर है, आखिर सुशासन बाबू ने अपनी रणनीति क्यों बदल ली है।

New Delhi, May 08 : लोकसभा चुनाव के पांच चरण के मतदान हो चुके हैं, आपको बता दें कि बिहार में सातों चरणों में मतदान होना है, यानी अभी दो चरण के मतदान बाकी हैं, बिहार की राजनीति में तीन चीजें स्पष्ट दिख रही है, पहला दो ध्रुवीय संघर्ष जिसमें एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला दिख रहा है, दूसरा तेजस्वी यादव कुछ ज्यादा ही मुखरता से नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं, तो तीसरा नीतीश कुमार की शैली में बदलाव।

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मोदी के नाम पर वोट
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले या फिर चुनाव के दो चरण के दौरान भी सुशासन बाबू अपने अधिकतर भाषमों में बिहार सरकार के कामों को गिनाते थे, लेकिन पिछले तीन चरण से वो पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगते दिख रहे हैं, वो अकसर अपनी चुनावी सभाओं में जनता से पूछते दिख रहे हैं, कि नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाएंगें ना।

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नीतीश के व्यवहार में बदलाव
जाहिर सी बात है कि नीतीश कुमार की छवि और आचार-व्यवहार से ये थोड़ा हटकर है, आखिर सुशासन बाबू ने अपनी रणनीति क्यों बदल ली है, क्या उनकी कोई मजबूरी है, या फिर उन्होने रणनीति में बदलाव किया है, बिहार के राजनीतिक विश्लेषकों में इस बात पर खूब चर्चा हो रही है, आखिर इस बदलाव का क्या मतलब निकाला जाए।

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जातिगत समीकरण
बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि जिस तरह महागठबंधन ने जातिगत समीकरण बनाये हैं, इसी वजह से नीतीश को भी इस तरफ शिफ्ट होना पड़ा है। लालू की गैरमौजूदगी में तेजस्वी ने जाति आधारित राजनीति शुरु कर दी है, इसी रणनीति को तोड़ने के लिये नीतीश ने मोदी के नाम का सहारा लिया है, अब विकास के कार्यों को बताने के बाद वो मोदी का नाम भी बताते हैं, ताकि वोटर उनकी ओर आकर्षित हो सके।

वोटरों को एकजुट कर रहे
राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि जिस तरह की राजनीतिक जमीन महागठबंधन ने तैयार की है, उसे तोड़ने के लिये नीतीश कुमार गैर यादव हिंदूओं को एकजुट कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल की जा सके, दूसरा बड़ा कारण राष्ट्रवाद की जड़ी बूटी है, जो सभी जातियों को एकजुट कर सकता है, नीतीश को भी ये बात समझ में आती होगी, इसी वजह से वो मोदी का नाम लेकर चुनावी वैतरणी पार करने में लगे हुए हैं।