दो हैवीवेट उम्मीदवारों के बीच फंसी मनोज तिवारी की सीट, पूर्वांचली कराएंगे बेड़ा पार

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित, बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और आप के पूर्व प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे तीनों इस सीट पर पूर्वांचलियों के वोट लेने के लिये जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं।

New Delhi, May 10 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हाईप्रोफाइल नॉर्थ ईस्ट दिल्ली सीट हैवीवेट नेताओं की वजह से दिलचस्प बन गया है, बीजेपी, कांग्रेस और आप ने इस सीट से ब्राह्मण और पूर्वांचली उम्मीदवार दिये हैं, जिसमें दो वर्तमान तो एक अपनी पार्टी का पूर्व अध्यक्ष है। मौजूदा सांसद मनोज तिवारी की किस्मत दलित और मुस्लिम वोटों (38.5 फीसदी) बंटने पर टिकी हुई है, अगर इनका वोट शीला दीक्षित या दिलीप पांडे में से किसी एक के लिये एकजुट हुआ, तो मनोज तिवारी की राह मुश्किल हो सकती है।

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कांग्रेस का ज्यादा प्रभाव
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शीला दीक्षित का ज्यादा प्रभाव है, मुस्लिम वोट बैंक को वो लुभा सकती है, तो दलित और झुग्गी झोपड़ियों के वोटर आप के माने जाते हैं, यानी वोटों का बंटवारा हो सकता है, हालांकि शीला दीक्षित इस इलाके में घूम-घूम कर कह रही हैं कि वोट खराब ना करें, नहीं तो बीजेपी जीत जाएगी, ताकि मुस्लिम -दलित वोट को इकट्ठा किया जा सके।

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मतदाता भी भ्रमित
भारी-भरकम उम्मीदवारों की वजह से वोटर भी भ्रमित हैं, पूर्व सीएम शीला दीक्षित के प्रति सीलमपुर, मुस्तफाबाद में मुस्लिम बिरादरी का झुकाव है, हालांकि बाबरपुर, मुस्तफाबाद में वोटर आप और कांग्रेस के बीच बंटे दिख रहे हैं, तिमारपुर और सीमापुरी की झुग्गियों में आम आदमी पार्टी का प्रभाव है, यहां की 10 विधानसभा सीटों में से एक ही बिरादरी के वोटर बंटे हुए हैं।

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पूर्वांचल के वोटर
2014 में मोदी लहर में भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी पूर्वांचली वोटरों के बूते कांग्रेस के दिग्गज नेता जय प्रकाश अग्रवाल को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था, उन्हें पूर्वांचलियो के अलावा ब्राह्मण, जाट, वैश्य और पंजाबी बिरादरी का वोट मिला था, हालांकि इस बार तीनों उम्मीदवार पूर्वांचल से ही है, ऐसे में पूर्वांचली मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये तीनों युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। अब मनोज तिवारी के पास मोदी के व्यक्तित्व और राष्ट्रवाद का सहारा है।

25 से 28 फीसदी पूर्वांचल के वोटर
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित, बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी और आप के पूर्व प्रदेश संयोजक दिलीप पांडे तीनों इस सीट पर पूर्वांचलियों के वोट लेने के लिये जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं, बीते चुनाव में पूर्वांचल के लोगों का मनोज तिवारी की ओर झुकाव था, जिसकी वजह से वो चुवाव जीते थे।