Opinion – राजीव गांधी के बारे में बयान देने से पहले अहमद पटेल को चाहिये, कि वो राहुल जी को समझाएं

नेतागण व दल आपस में जो भी आरोप -प्रत्यारोप लगाना हो, लगाएं। पर तथ्यों को तोड़मरोड़ कर नहीं। इससे राजनीति की साख थोड़ी और गिर जाती है।

New Delhi, May 10 : अहमद पटेल ने सवाल किया है कि राजीव गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार कौन है ? उन्होंने कहा है कि वी.पी.सिंह की सरकार ने राजीव गांधी को अतिरिक्त सुरक्षा नहीं दी थी। इसलिए हत्या हुई। अब हत्या के तत्काल बाद तमिलनाडु के राज्यपाल भीष्म नाराण सिंह की टिप्पणी पढिए। उन्होंने कहा कि ‘राजीव के नजदीक के घेरे में जितने सुरक्षाकर्मी मारे गए, उससे यह साफ है कि सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती गई थी।’

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अब दूसरे सूत्रों की बातों पर गौर कीजिए। ‘ब्लू बुक’ में दर्ज सुरक्षा के उपायों का पालन नहीं किया गया था। राजीव गांधी के पास जाने वालों की तलाशी होनी चाहिए थी। पर उस मानव बम की तलाशी नहीं हुई। आखिर क्यों ? दरअसल जब मानव बम राजीव गांधी की ओर बढ़ रहा था तो एक महिला सुरक्षाकर्मी ने उसे आगे बढ़ने से रोका। राजीव यह सब दूर से देख रहे थे। उन्होंने उस महिला सुरक्षाकर्मी से कहा कि आप उसे आने दीजिए। फिर जो कुछ हुआ, वह इतिहास है।
अब विशेष सुरक्षा पर। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधान मंत्री के लिए एस.पी.जी.एक्ट बना।
उससे संबंधित विधेयक पर चर्चा के दौरान आंतरिक सुरक्षा मंत्री पी.चिदम्बरम ने प्रतिपक्ष की इस मांग को ठुकरा दिया कि सिर्फ प्रधान मंत्री ही क्यों, जिस किसी हस्ती पर खतरा हो, उसके लिए भी एस.पी.जी.सुरक्षा का प्रावधान होना चाहिए।

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दरअसल कांग्रेसी तो यह उम्मीद ही नहीं करते थे कि वे कभी प्रतिपक्ष में जाएंगे। पर जब प्रतिपक्ष में गए तो यह बात सही है कि वी.पी. सिंह सरकार ने एस.पी.जी. एक्ट में संशोधन नहीं किया। पर, कुछ ही महीनों के बाद तो कांग्रेस समर्थित चंद्र शेखर सरकार बन गई थी। उस पर तो दबाव डालकर राजीव गांधी या कांग्रेस एस.पी.जी.सुरक्षा के दायरे में पूर्व प्रधान मंत्री को ला ही सकते थे।पर कोई दबाव नहीं। दबाव डाला भी तो अन्य अघोषित कारणों से।यहां तक कि चंद्र शेखर सरकार ही गिरा दी। राजीव गांधी की जब हत्या हुई, उस समय चंद्रशेखर की केयर टेकर सरकार चल रही थी।

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मेरा कहना है कि नेतागण व दल आपस में जो भी आरोप -प्रत्यारोप लगाना हो, लगाएं। पर तथ्यों को तोड़मरोड़ कर नहीं। इससे राजनीति की साख थोड़ी और गिर जाती है। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए उचित नहीं।यह बात मैं सभी दलों के लिए कह रहा हूंंं। एक आखिरी बात। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों संसद में कहा था कि राहुल गांधी अब तक 21 बार सुरक्षा नियमों कव उलंघन कर चुके हैं। अहमद पटेल को चाहिए कि वे राहुल जी को समझाएं।

(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)