Opinion- राजग में जिसको जन समर्थन, उसी को गद्दी

आज यदि भाजपा या राजग को बहुमत मिलेगा तो उसमें सबसे बड़ा श्रेय नरेंद्र मोदी का ही रहेगा। मोदी के नाम पर अंडर करंट है।

New Delhi, May 18 : देश भर में महीनों से एक खबर भीतर -भीतर अफवाह के रूप में दौड़ रही है। वह यह कि यदि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा,राजग को बहुमत मिलेगा तो नरेंद्र मोदी के बदले भाजपा के कोई अन्य व्यक्ति प्रधान मंत्री बनेंगे। यह भी प्रचार जारी है कि ऐसी इच्छा न सिर्फ भाजपा के भीतर -बाहर के कुछ नेताओं की है बल्कि संघ भी यही चाहता है।संघ के बारे में मैं कुछ नहीं जानता,पर भाजपा के बाहर-भीतर के नेताओं की मनःस्थिति मैं आसानी से समझ सकता हूं।

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उसके कारण भी मैं जानता हूं। उस पर चुनाव रिजल्ट के बाद। 23 मई से पहले 1989 का उदाहरण मोदी विरोधियों को याद कर लेना चाहिए। वी.पी.सिंह की लोकप्रियता के कारण ही 1989 में कांग्रेस अल्पमत में चली गई थी। पर, वी.पी.सिंह के दल के ही चंद्र शेखर प्रधान मंत्री पद के गंभीर उम्मीदवार बन गए थे।

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नतीजा क्या हुआ ? बन सके ? नहीं बने। क्योंकि जो सांसद जीत कर गए थे, वे वी.पी.के नाम पर ही। वे अपने मतदाताओं से दगा नहीं कर सकते थे। देवीलाल भी यह बात अच्छी तरह समझते थे। चूंकि चंद्रशेखर बडे़ नेता थे, इसलिए उन्हें पद से दूर रखने के लिए एक नाटक का सहारा लेना पड़ा।

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आज यदि भाजपा या राजग को बहुमत मिलेगा तो उसमें सबसे बड़ा श्रेय नरेंद्र मोदी का ही रहेगा। मोदी के नाम पर अंडर करंट है। मैं यह नहीं कह सकता कि वह अंडर करंट बहुमत दिलाने लायक है या नहीं।हालांकि अंडर करंट रहता है तो वह बहुमत दिला ही देता है। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मोदी यानी राजग के खिलाफ ‘कुुछ खास तरह की शक्तियां’ जी जान लगाकर आखिरी लड़ाई लड़ रही है।उनके जीवन-मरण का सवाल है। ऐसी लड़ाई में क्या होगा, उसका पता पहले 19 और अंततः 23 मई को ही चल पाएगा।

(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)