गौतम गंभीर को मनोज तिवारी ने समझाया, अब अनुपम खेर ने ट्वीट कर दी नसीहत

‘गंभीर अब एक क्रिकेटर नहीं हैं और उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि उनके शब्दों और कार्यों को राजनीति के चश्मे से देखा जाएगा। किसी को भी इस तरह की घटनाएं पसंद नहीं हैं’

New Delhi, May 29 : गौतम गंभीर गुरुग्राम मामले पर बयान देकर फंस गए हैं । नव निर्वाचित सांसद ने अपना कर्तव्‍य निभाते हुए एक मसले पर अपनी राय प्रकट की, लेकिन अब वहीं राय उनके लिए जी का जंजाल बन गई है । दरअसल गुरुगाम में मुस्लिम युवक की पिटाई के मामले में गंभीर ने ट्वीट कर अपने सिर आफत ही ले ली । उन्‍हें इस मामले को थोड़ा और समझना चाहिए था, ट्वीट उसके बाद करते तो ही अच्‍छा होता । दरअसल इस मामले में अब कई पहलू निकलकर सामने आ रहे हैं, लिहाजा गंभीर के वरिष्‍ठ जन उन्‍हें नसीहत देने से नहीं चूक रहे ।

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अनुपम खेर ने दी नसीहत
बॉलीवुड एक्टर और बीजेपी के समर्थक अनुपम खेर ने गौतम गंभीर के बयान पर उन्‍हें नसीहत दी है । अनुपम ने लिखा है – प्रिय @ गौतम गम्भीर !! आपकी जीत पर बधाई। एक भारतीय होने के नाते मुझे इस बात की बेहद खुशी है । मैं जानता हूं आपने मेरी सलाह नहीं मांगी है, लेकिन फिर भी मैं कहना चाहूंगा, मीडिया के उस खास वर्ग के जाल में मत फंसिएगा । आपका काम बोलेगा, आपके कथन नहीं । दरअसल अनुपम गंभीर को समझााना चाह रहे हैं कि बेवजह के स्‍टेटमेंट देने से वो बचें ।

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मनोज तिवारी ने भी दी थी सलाह
मनोज तिवारी ने गुरुग्राम में हुई घटना की निंदा करते हुए गंभीर की प्रतिक्रिया पर कहा – “लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे इस तरह की अफवाहों से गुमराह न हों। पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने इस मामले पर मासूमियत के साथ प्रतिक्रिया दी है । गंभीर अब एक क्रिकेटर नहीं हैं और उन्हें यह महसूस करना चाहिए कि उनके शब्दों और कार्यों को राजनीति के चश्मे से देखा जाएगा। किसी को भी इस तरह की घटनाएं पसंद नहीं हैं, लेकिन इस घटना पर टिप्पणी को भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है।”

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गंभीर ने जताई थी नाराजगी
पूर्वी दिल्‍ली से नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने गुरुग्राम मुस्लिम युवक हिंसा मामले में चिंता जाहिर की थी और ऐसी घटना को धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए सही नहीं माना था । उन्‍होने गुरुग्राम प्रशासन से इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी । बहरिहाल इस मामले में मंगलवार को तब नया मोड़ सामने आया जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी के आधार पर कहा कि मुस्लिम युवक की टोपी को ना तो फेंका गया और ना ही उसके कपड़े फाड़े गए । पुलिस के मुताबिक ये मारपीट की एक आम घटना थी जिसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई ।

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