मांझी से मुलाकात के बाद अब नीतीश कुमार को लालू की पार्टी से खुला ऑफर, पशोपेश में सुशासन बाबू

वरिष्ठ राजद नेता ने महागठबंधन को मिली करारी हार के कारणों पर कहा कि टिकट सही से नहीं बांटा गया, कमजोर उम्मीदावरों को भी मैदान में उतार दिया गया।

New Delhi, Jun 03 : लोकसभा चुनाव में बिहार में महागठबंधन चारों खाने चित हो गई, इसके बाद से ही राजनीतिक सरगर्मियां उफान पर है, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जदयू के इफ्तार में शिरकत की, नीतीश ने मांझी का गर्मजेशी से स्वागत किया, तो अब राजद ने भी जदयू प्रमुख को खुला ऑफर दे दिया है, जिसके बाद तरह-तरह की बातें हो रही है।

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सभी एकजुट हों
लालू की पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में अगर जीत हासिल करनी है, बीजेपी को पछाड़ना है, तो हर हाल में सभी गैर भाजपाई पार्टियों को एकजुट होना होगा, इसके साथ ही रघुवंश बाबू ने कहा कि इन गैर भाजपाई पार्टियों में नीतीश भी शामिल हैं, नीतीश कुमार कब किसका साथ छोड़ दें, और फिर हाथ मिला लें, ये कोई नहीं कह सकता।

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टिकट बंटवारे पर सवाल
वरिष्ठ राजद नेता ने महागठबंधन को मिली करारी हार के कारणों पर कहा कि टिकट सही से नहीं बांटा गया, कमजोर उम्मीदावरों को भी मैदान में उतार दिया गया, रघुवंश बाबू ने कहा कि टिकट बंटवारे से लेकर नेतृत्व तक के लिये कोई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम नहीं था।

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सवर्ण आरक्षण पर उल्टा दांव
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि राजद के नेताओं को सवर्ण आरक्षण बिल का विरोध करना भी भारी पड़ गया, सवर्ण आरक्षण बिल का विरोध करने का फैसला गलत था, साथ ही प्रदेश स्तर पर भी बड़ी चूक हुई, मालूम हो कि इस बार बिहार में महागठबंधन को 40 में से सिर्फ 1सीट मिली।

राजद का नहीं खुला खाता
महागठबंधन के अगुआ रहे राजद ने 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जिसमें एक भी सीट पार्टी नहीं जीत सकी, वैशाली से खुद रघुवंश प्रसाद सिंह चुनावी मैदान में थे, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा, इस हार के बाद उन्होने दबी जबान में ही सही लेकिन टिकट बंटवारे पर सवाल खड़े कर दिये हैं, साथ ही तेजस्वी के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े किये हैं और तेज प्रताप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।