अलीगढ़ मामले पर शिवसेना सख्‍त, केन्‍द्र को सुना दी खरी-खरी, ‘जीत का जश्‍न खत्‍म हो गया हो तो’

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में केन्‍द्र सरकार पर तंत कसते हुए लिखा है कि अगर विजय उत्सव खत्म हो गया हो तो अलीगढ़ कांड पर ध्यान दें ।

New Delhi, Jun 10 : अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम के साथ हुई हैवानियत के बाद देश इस मुद्दे पर जल्‍द कार्रवई की मांग कर रहा है । पुलिस ने इस जघन्‍य अपराध के आरोपियों को हथकड़ी तो पहना दी है लेकिन कोर्ट का फैसला अभी होना बाकी है । उस मासूम किलकारी को न्‍याय मिलना बाकी है । मामले में देश का हर वर्ग नाराज है, अपनी-अपनी तरह से इस घटना की निंदा कर रहा है, कार्रवई की मांग कर रहा है । लेकिन क्‍या केन्‍द्र सरकार अब तक सोई हुई है । शिवसेना ने केन्‍द्र को इस मामले में मुखर होने की सलाह दी है ।

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शिवसेना हुई सख्‍त
सामना में अलीगढ़ मामले को लेकर लिखे लेख में कहा गया कि कांग्रेस के शासनकाल में ‘निर्भया कांड’ के समय जिन लोगों ने संसद नहीं चलने दी और महिला अत्याचार के विरोध में सरकार को कठोर कानून लागू करने के लिए मजबूर किया, वही लोग आज सत्ता में बैठे हैं । बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने तंज भरे लहजे में कहा है कि अगर सरकार के विजय का उत्सव खत्म हो गया हो तो अलीगढ़ में हुए दर्दनाक कांड की तरफ देखना चाहिए ।

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पूरा देश एकजुट है
सामना में कहा गया कि उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ़ में सिर्फ 10 हजार रुपये के लिए ढाई साल कीबच्ची की हत्या कर दी जाती है, सरकार का मुखिया चुप रहता है । पूरे देश में इसे लेकर आक्रोश है, कुछ लोगों ने मोमबत्तियां जलाकर आक्रोश व्यक्त किया तो वहीं बॉलीवुड कलाकारों ने भी अपना आक्रोश व्यक्त किया है । अक्षय कुमार ने तो कहा कि वो भयभीत और निराश हैं । क्‍योंकि ये वो देश है ही नहीं जो वो अपने बच्‍चों के लिए भविष्‍य के लिए देखना चाहते हैं । शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि यही पूरे देश की भावना है ।

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सरकारी नारे व्‍यर्थ
शिवसेना ने कहा कि अलीगढ़ की इस घटना ने समाज को एक बार फिर सुन्‍न कर दिया है । ‘बेटी बचाओ’ के नारे ऐसे समय में व्यर्थ से नजर आते हैं । इस घटना ने मानवता को कलंकित कर दिया है । समाज का सिर एक बार फिर शर्म से झुक गया है । शिवसेना ने कहा कि उस अभागन बच्ची के पिता ने पड़ोसी को 10 हजार रुपये दिए थे । पैसे वापस मांगने की सजा उस सिरफिरे ने ढाई साल की मासूम बच्ची को दी । बच्ची की क्रूरता से हत्या कर दी गई । आंखें नोंच दी, पैर तोड़ दिए, मासूम को चीर डाला गया । इस घटना के लिए अमानवीय और नृशंस जैसे शब्द भी कम पड़ रहे हैं ।

सरकार निशाने पर
शिवसेना ने साक्षा महाराज का जिक्र करते हुए कहा कि सत्ताधीश के रूप में चुनकर आए ऐसे जनप्रतिनिधियों को अपनी मर्यादा का पालन करना चाहिए । मोदी और शाह ऐसे लोगों को बार-बार समझाते रहते हैं, फिर भी ये लोग क्यों भटक जाते हैं? बीजेपी के सांसद साक्षी महाराज जेल में जाकर बलात्कार के एक आरोपी से मिले, उस पर उत्तर प्रदेश में हंगामा हुआ । शिवसेना ने कहा कि आतंकवादियों और अपराधियों को सीधे-सीधे गोली मारी जा सकती है, लेकिन सिरफिरे हमारे ही आसपास छुपे होते हैं और मौका देखते ही वे अपराध को अंजाम देते हैं. ऐसे अपराधियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए ।