क्या यूं ही बेटियां दरिंदगी का शिकार होती रहेंगी?

यूपी में महिलाओं और बच्चियों के साथ हैवानियत वाली घटनाओं की फेहरिस्त बहुत लंबी है . इतनी लंबी कि मैं आपको सुनाने लगूं तो काफी वक्त गुजर जाएगा।

New Delhi, Jun 13 : जालौन में सात साल की बच्ची से रेप और हत्या, मेरठ में 12 साल की बच्ची के साथ बलात्कार . हमीरपुर में 11 साल की बच्ची के साथ बलात्कार के बाद हत्या , बनारस में दस साल की बच्ची से रेप , बरेली में आठ साल की बच्ची से रेप , कुशीनगर में 12 साल की बच्ची से गैंगरेप, मेरठ में ही नौ साल की एक और बच्ची से रेप और हत्या ..बच्चियों से रेप और हत्या की ये घटनाएं यूपी की हैं और बीते पांच से सात दिनों के भीतर की है .

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यूपी में महिलाओं और बच्चियों के साथ हैवानियत वाली घटनाओं की फेहरिस्त बहुत लंबी है . इतनी लंबी कि मैं आपको सुनाने लगूं तो काफी वक्त गुजर जाएगा. हर घटना सिहरा देने वाली है . रुह कंपा देने वाली है .

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अलीगढ़ की ढाई साल की एक गुड़िया के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था . दरिंदों का धर्म देखकर कई हिन्दूवादी संगठन और नफरत का कारोबार करने वाली स्वंयभू जमातों ने अलीगढ़ को खूब मुद्दा बनाया . सोशल मीडिया पर शोर मचाया. महापंचायत करने की कोशिश की . लेकिन उसी यूपी में बच्चियों से बलात्कार की इन जघन्य घटनाओं पर किसी का खून नहीं खौल रहा है . कोई हंगामा और प्रदर्शन नहीं कर रहा . सरकार पर कोई दबाव नहीं रहा कि आखिर हर रोज , हर रोज मासूम बेटियां दरिदों का शिकार क्यों बन रही है . कई मामलों में यूपी पुलिस की लापरवाही के सबूत भी सामने हैं लेकिन अलीगढ़ के पहले भी सन्नाटा था, अलीगढ के बाद भी सन्नाटा है . इस बीच इतना जरुर हुआ कि मुख्यमंत्री योगी ने राज्य के आला अधिकारियों से साथ बैठकें करके कानून व्यवस्था का नट बोल्ट टाइट करने का संकेत दिया है और सूबे के डीजीपी ने हालात की समीक्षा करने का भरोसा .

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तो आज का सवाल यही है कि योगी आदित्यनाथ के राज में हर रोज क्यों हो रही है बलात्कार और हत्या की घटनाएं ?
योगी राज में बेटियां इतनी असुरक्षित क्यों हैं ?
क्या बदमाशों में पुलिस और सिस्टम का डर खत्म हो गया है ?
क्या यूं ही बेटियां दरिंदगी का शिकार होती रहेंगी ?

(चर्चित वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)