ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े इस नियम में बड़ा बदलाव, नरेन्द्र मोदी सरकार के इस कदम से करोड़ों को फायदा
ड्राईविंग से जुड़े एक बड़े नियम में बदलाव कर दिया गया है । इस नियम के बदलने से अब करोड़ों इच्छुक लोगों को फायदा पहुंचेगा, जो ड्राइविंग करना चाहते हैं लेकिन लाइसेंस मिलने में अड़चन हो रही है ।
New Delhi, Jun 19 : मोदी सरकार की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े एक नियम में बड़ा बदलाव किया है । सरकार की ओर से किया गया ये बदलाव क्रांतिकारी माना जा रहा है । इस नए नियम का फायदा उन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा मिलने वाला है जो पढ़े-लिखे नहीं हैं । नए नियम को उन लोगों के लिए राहत भरा माना जा रहा है जो अशिक्षा के कारण गाड़ी चलाने में असक्षम माने जाते थे । सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए नए नियम में बदलाव किया है ।
नोटिफिकेशन जारी
मंत्रालय की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मिनिमम एजुकेशनल क्वालिफिकेशन की बाध्यता को खत्म कर दिया है । नए नोटिफिकेशन के मुताबिक अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या रिन्यू कराने के लिए 8वीं पास शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता नहीं रहेगी । यहां आपको बता दें कि अब तक लाइसेंस के लिए 8वीं तक की शैक्षणिक अनिवार्यता जरूरी रही है । नए बदलाव को लेकर जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री गडकरी ने ट्वीट किया ।
परिवहन मंत्री ने किया ट्वीट
कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए ट्वीट किया – समाज के कम पढ़े-लिखे और गरीब लोग ड्राइविंग से रोजगार की संभावना तलाशते हैं । सरकार ने 8वीं तक की पढ़ाई की अनिवार्यता हटा दी है जिससे उनकी पढ़ाई के कारण रोजगार न रुके । ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी 22 लाख से अधिक ड्राइवरों की कमी है, इससे लाखों जिंदगीयां बेहतर हो सकती हैं ।
लाइसेंस के लिए उ्राइविंग टेस्ट पास करना जरूरी
पढ़ाई की अनिवार्यता हटाने के बाद अब लाइसेंस उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने ड्राइविंग टेस्ट पास किया है । इसके अलावा सरकार की ओर से ड्राइविंग की ट्रेनिंग के लिए देशभर में 2 लाख स्किल सेंटर भी खोलने का ऐलान किया गया है । जहां लोगों को ट्रेनिंग के जरिए सड़क सुरक्षा के नियम बताए जाएंगे । आपको बता दें सरकार के इस नियम बदलाव के पीछे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सिफारिश है, जिन्होने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता से छूट देने की मांग की थी । सरकार के इस नियम बदलाव का असर बड़े पैमाने पर होगा ।
समाज के कम पढ़े-लिखे और गरीब लोग ड्राइविंग से रोजगार की सम्भावना तलाशते हैं। सरकार ने आठवी तक की पढ़ाई की अनिवार्यता हटा दी है जिससे उनकी पढ़ाई के कारण रोजगार न रुके। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में भी 22 लाख से अधिक ड्राइवरों की कमी है, इससे लाखों जिंदगीयां बेहतर हो सकती हैं। pic.twitter.com/RVcP2oG139
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) June 18, 2019