राहुल की राह पर कांग्रेस के पदाधिकारी, युवराज ने पद छोड़ा तो वो भी पद त्याग रहे हैं
‘हम 2022 में राज्यों में हो रहे चुनाव में वर्तमान स्थिति को बदल सकते है, और 2024 में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जी को परास्त कर सकते है। इसलिए लोकतांत्रिक शक्तियां व सभी कांग्रेसजन राहुल जी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है।’
New Delhi, Jul 04 : लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने नहीं रहना चाहते थे । काफी दिन की जद्दोजहद के बाद आखिरकार उन्होने पद से इस्तीफा दे ही दिया और हार की जिम्मेदारी अपने सिर लेकर संगठन के लिए काम करने की बात कही । राहुल की देखादेखी अब पार्टी के अन्य राज्यों में पदाधिकारी भी पद छोड़ने की बात कर रहे हैं । जिनमें एक हैं हरीश रावत, रावत ने आज पद त्यागने की घोषणा सोशल मीडिया पर की, और कांग्रेस आलाकमान को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया ।
फेसबुक पर लिखी पोस्ट
हरीश रावत ने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की, उन्होने लिखा – ‘लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार एवं संगठनात्मक कमजोरी के लिए हम पदाधिकारीगण उत्तरदायी है। असम में पार्टी द्वारा अपेक्षित स्तर का प्रदर्शन न कर पाने के लिए प्रभारी के रूप में मैं उत्तरदायी हूँ। मैंने अपनी कमी को स्वीकारते हुए अपने महामंत्री के पद से पूर्व में ही त्यागपत्र दे दिया है। पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने के लिए मेरी स्थिति के लोगों के लिए पद आवश्यक नहीं है। मगर प्रेरणा देने वाला नेता आवश्यक है।
राहुल गांधी प्रेरणादायक – हरीश रावत
रावत ने आगे लिखा – प्रेरणा देने की क्षमता केवल राहुल जी में है, उनके हाथ में बागडोर रहे तो यह संभव है कि हम 2022 में राज्यों में हो रहे चुनाव में वर्तमान स्थिति को बदल सकते है, और 2024 में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जी को परास्त कर सकते है। इसलिए लोकतांत्रिक शक्तियां व सभी कांग्रेसजन राहुल जी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है।’ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार एवं संगठनात्मक कमजोरी के लिए हम पदाधिकारीगण उत्तरदायी है।
कौन हैं हरीश रावत ?
हरीश रावत उत्तराखंड के कद्दावर रा नेताओं में शुमार हैं । कांग्रेस का एक मजबूत स्तंभ माने जाने वाले हरीश रावत पूर्व में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं । वो एक ऐसे राजनेता माने जाते हैं जो हार के बाद भी मजबूत होकर उभरे और उत्तराखंड के सीएम से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव पद तक पहुंचे। रावत का राजनीतिक करियर ब्लाक स्तर से शुरू हुआ था, वो ब्लॉक प्रमुख बने, फिर जिलाध्यक्ष, इसके बाद युवा कांग्रेस से जुड़ें । लंबे समय तक युवा कांग्रेस में कई पदों पर रहते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बने। 1980 में केन्द्र की राजनीति में कदम रखा । सातवें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट से पहली बार हरिद्वार लोकसभा सीट से विजय हासिल की। रावत का ये इस्तीफा, राहुल गांधी के इस्तीफे का ही परिणाम है जो अब संगठन के उन राज्यों में पदाधिकारियों पर दबाव बनाएगा जहां कांग्रेस बेहद बुरे मार्जन से हारी है ।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार एवं संगठनात्मक कमजोरी के लिए हम पदाधिकारीगण उत्तरदायी है। असम में पार्टी द्वारा…
Posted by Harish Rawat on Wednesday, July 3, 2019