जब अटल जी के लिये दिलीप कुमार ने पाकिस्तानी पीएम की लगा दी थी क्लास, मियां क्या कर रहे हैं

दिलीप कुमार ने कड़क आवाज में बात की थी, उन्होने कहा था मियां आपने ये क्या किया, आपने हमेशा अमन के बड़े समर्थक होने का दावा किया है।

New Delhi, Jul 26 : आज देश बीसवां विजय दिवस मना रहा है, कारगिल के युद्ध में भारत ने 527 जवान खो दिये थे और 1363 जवान घायल हुए थे, भारत ने 84 दिनों में ये युद्ध जीता था, कारगिल की इस लड़ाई में सेना की बहादुरी के किस्से तो लोग बहुत जानते हैं, लेकिन कम ही लोग इस बात को जानते होंगे, कि इस युद्ध के दौरान एक मौका ऐसा भी आया था, जब भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को फोन किया था, और उनकी बात बॉलीवुड दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार से करवाई थी, दिलीप कुमार वाजपेयी जी के साथ 1997 में लाहौर यात्रा पर गये थे, उसी साल दिलीप कुमार को पाक ने सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया था।

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वाजपेयी जी ने करवाई बात
कारगिल में बढती घुसपैठ से अटल जी काफी आहत थे, उन्होने अपनी नाराजगी दिलीप कुमार से भी जाहिर की, उन्होने कहा कि एक तरफ तो नवाज शरीफ शांति की बात कर रहे हैं, और दूसरी ओर सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ लगातार घुसपैठ करवा रहे हैं। इस किस्से का जिक्र पाक के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब नाइदर अ हॉक वॉर अ डव में किया है।

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अटल जी ने किया फोन
सईद कसूरी के मुताबिक एक दिन वो पीएम नवाज शरीफ के साथ थे, तभी फोन की घंटी बजी, जब फोन उठाया, तो कहा गया कि भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आपसे बात करना चाहते हैं, बातचीत के दौरान वाजपेयी जी ने कहा कि हम तो लाहौर दोस्ती का पैगाम लेकर आये थे, लेकिन आपने बदले में हमें कारगिल जंग दे दी, इसके बाद उन्होने कहा, रुकिये जरा एक साहब से आपकी बात करवानी है।

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दिलीप कुमार ने कड़क आवाज में की थी बात
सईद के अनुसार दिलीप कुमार ने कड़क आवाज में बात की थी, उन्होने कहा था मियां आपने ये क्या किया, आपने हमेशा अमन के बड़े समर्थक होने का दावा किया है, इसलिये हम आपसे जंग की उम्मीद नहीं करते, तनाव के हालाते में भारतीय मुसलमान सबसे असुरक्षित हो जाते हैं, इसलिये हालात को काबू करने के लिये बराय मेहरबानी कुछ कीजिए। पाक में उच्चायुक्त रहे पार्थसारथी के मुताबिक दिलीप कुमार के साथ हुई ऐसी बातचीत से नवाज शरीफ को धक्का लगा था, उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि कारगिल में घुसपैठ की हरकतों ने उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचाया है।