खाने का कोई धर्म नहीं कहने वाले ये हैं जोमेटो के मालिक, ऐसे आया था बिजनेस का आइडिया

जोमेटो के मालिक का नाम दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा है, दोनों ने इस कंपनी की शुरुआत साल 2008 में की थी।

New Delhi, Aug 04 : खाने का कोई धर्म नहीं होता है, कहकर जोमेटो पूरे देश में सुर्खियों में आ गया, हर कोई कंपनी के इस स्टैंड पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहा है, कोई इसके पक्ष में हैं, तो कोई इसका विरोध कर रहा है, साथ ही धर्म निरपेक्षता की बात हो रही है, आइये आपको बताते हैं कि आखिर इस कंपनी के मालिक कौन हैं, जो अपने विचारों के लिये सुर्खियों में हैं।

Advertisement

कंपनी के मालिक
जोमेटो के मालिक का नाम दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा है, दोनों ने इस कंपनी की शुरुआत साल 2008 में की थी, वर्तमान में इस कंपनी में 5 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। दीपिंदर ने साल 2005 में आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया था, वहीं पंकज ने 2007 में आईआईटी दिल्ली से ही बीटेक की डिग्री ली। फिर दोनों ने 2008 में कंपनी की शुरुआत की।

Advertisement

कैसे आया आइडिया
बीटेक की डिग्री पूरी होते ही दीपिंदर को बेन एंड कंपनी में बतौर कंसल्टेंट नौकरी मिली, लंच के दौरान वो अकसर अपने दोस्तों के साथ कैफेटेरिया जाते थे, जहां मेन्यू कार्ड देखने के लिये उन्हें लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ता, जिससे उन्हें महसूस हुआ कि इससे रोजाना लोगों का समय बर्बाद हो रहा है। दीपिंदर ने समय बचाने के लिये मैन्यू कार्ड को स्कैन कर साइट पर अपलोड करने का विचार सूझा, देखते ही देखते उनका साइट पॉपुलर हो गया, यहीं से उन्हें फूड पोर्टल का आइडिया आया।

Advertisement

आसान नहीं सफर
दीपिंदर और पंकज के लिये ये सफर आसान नहीं था, दीपिंदर ने कुछ समय पहले फूडलेट डॉट कॉम शुरु किया, इस बिजनेस को रेस्तरां के साथ टाई अप करना था, और फूडलेट डॉट कॉम के माध्यम से प्रचार करना था, ग्राहक फूडलेट के जरिये ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर सकते थे। दोनों ने मिलकर 9 महीने तक इस बिजनेस पर काम किया, इसे चालू करने के लिये कड़ी मेहनत की, लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

असफलता के बाद सफलता
दीपिंदर ने उस दौर में मिली असफलताओं के दो कारण बताये, सबसे पहले ग्राहक भोजन ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिये तैयार नहीं थे, दूसरा बिजनेस के संचालन के लिये बहुत समय की जरुरत थी। दीपिंदर ने अपने एक दोस्त प्रसून जैन के साथ Foodiebay की शुरुआत करने का आइडिया साझा किया, लेकिन प्रसून निजी कारणों से मुंबई चले गये, लेकिन दीपिंदर ने संघर्ष जारी रखा, तभी पंकज को उन्होने ड्रीम वेंचर में शामिल किया, इसके बाद दोनों ने पूरा समय कंपनी को दिया, बाद में उन्होने Foodiebay का नाम बदलकर Zomato कर दिया।