FATF की चाबुक से बचने के लिये पाकिस्तान ने निकाली तरकीब, कर रहा ये दिखावा

एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान ने दुनिया के सामने आतंकी संगठनों के खिलाफ जो एफआईआर पेश किया है।

New Delhi, Aug 18 : पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर फल फूल रहे आतंकी संगठनों को लेकर एफएटीएफ को गुमराह करने में लगा हुआ है, फाइनेंशियल टास्क फोर्स की ग्रे सूची में जाने से बचने के लिये पाक अब आतंकी संगठनों के खिलाफ दिखावे के लिये एफआईआर करवा रहा है, विधि विशेषज्ञों का मानना है कि ये एफआईआर कोर्ट में टिकेंगे ही नहीं, पाक बस खानापूर्ति करने में जुटा हुआ है।

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कार्रवाई करने को कहा
आपको बता दें कि बैकॉक में हुए एफएटीएफ की बैठक में अमेरिका ने दुनियाभर के दिग्गज नेताओं के सामने पाकिस्तान से प्रतिबंधित आतंकियों और उनके संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने को कहा था, जिसके बाद पाकिस्तान एफआईआर की खानापूर्ति कर रहा है।

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दिखावे वाला कदम
एफएटीएफ की बैठक में पाक ने दुनिया के सामने आतंकी संगठनों के खिलाफ जो एफआईआर पेश किया है, वो पूरी तरह से दिखावे वाला प्रतीत हो रहा है, एफआईआर में जो तारीख दी गई है, उसके मुताबिक उसे 1 जुलाई को पाक के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया है, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के संगठन दावा-वर-इरशाद पर गलत तरीके से जमीन हड़पने का मामला दर्ज किया गया है, खास बात ये है कि इस एफआईआर की भाषा भी ऐसी रखी गई है, कि कोर्ट आरोपियों को बरी कर देगा।

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हाफिज का नाम नहीं
इस एफआईआर में कहीं भी लश्कर चीफ हाफिज सईद का नाम नहीं लिखा है, हाफिज के साथ ही आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को संचालित करने वाले अब्दुल गफ्फार, हाफिज मसूद, आमिर हमजा और मलिक जाफर इकबाल के नाम का भी जिक्र इसमें नहीं किया गया है, साथ ही एफआईआर में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि लश्कर के आतंकी इस जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये कर रहे थे।

ग्रे सूची में शामिल पाक
इस्लामाबाद में तैनात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रतिनिधि टेरीजा सांचेज ने बताया था कि अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट यानी निगरानी सूची से बाहर नहीं निकला, तो हाल में स्वीकृत लोन भी खतरे में पड़ जाएगा, जिससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और खराब होगा।