PM मोदी की तारीफ कर बुरा फंसे शशि थरूर, अब अपनी ही पार्टी ने कर दी बड़ी कार्रवाई

नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना तथा हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है।

केरल के तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बयान दिया था, ये बयान उनकी तारीफ में था । अब इस तारीफ के लिए थरूर अपनी ही पार्टी में कठघरे में आ गए हैं । शशि थरूर से राज्य की केरल ईकाई के अध्यक्ष मुलापल्ली रामचंद्र ने स्पष्टीकरण मांगा है । उन्‍हाने कहा है कि – हम थरूर से प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने को लेकर स्पष्टीकरण चाहते हैं। उनके स्पष्टीकरण के आधार पर ही भविष्य की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।

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थरूर ने किया था मोदी का समर्थन
दरअसल कुछ समय पहले ही शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के समर्थन में एक बयान दिया था । उन्‍होने कहा था – ‘जैसा कि आप जानते हैं, मैं छह साल से यह दलील देते आ रहा हूं कि मोदी जब भी कुछ अच्छा कहते हैं या सही चीज करते हैं तो उनकी तारीफ करनी चाहिए। ऐसा करने के बाद जब हम उनकी गलतियों की आलोचना करेंगे तो हमारी बात की विश्वसनीयता बढ़ेगी। मैं विपक्ष के उन लोगों का स्वागत करता हूं जो मेरे विचार से मिलती-जुलती बात कर रहे हैं।’

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कांग्रेस के कई दूसरे नेताओं ने भी दिए थे ऐसे ही बयान
शशि थरूर अकेले ऐसे कांग्रेसी नेता नहीं थे जिन्‍होने मोदी के अच्‍छे कामों के समर्थन की बात कही हो । उनसे पहले जयराम रमेश और अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इसी तरह के बयान देकर कहा था कि मोदी को हमेशा खलनायक की तरह पेश करना सही नहीं है। जयराम रमेश ने जहां एक बुल लॉन्‍च के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना तथा हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है।

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सिंघवी ने भी किया था ट्वीट
वहीं जयराम रमेश के बयान के बारे में कहते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर लिखा था – ‘मैंने हमेशा कहा है कि मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं, बल्कि ऐसा करके एक तरह से विपक्ष उनकी मदद करता है। काम हमेशा अच्छा, बुरा या मामूली होता है। काम का मूल्यांकन व्यक्ति नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर होना चाहिए। जैसे उज्ज्वला योजना कुछ अच्छे कामों में एक है।’ अब ऐसे में जयराम रमेश और सिंघवी को छोड़कर सिर्फ थरूर से सफाई मांगा जाना, बहरहाल देखना होगा थरूर क्‍या कहते हैं और क्‍या इसके बाद दूसरे नेता भी इस कार्रवाई की जद में आएंगे ।

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