मून मिशन: लैंडर विक्रम को लेकर बड़ी खबर, ISRO का बयान-जल्‍द मिलेगी गुड न्‍यूज

चंद्रयान 2 भले पूरी तरह सफल ना रहा हो लेकिन देश की उम्‍मीदें अभी नहीं टूटी है । लैंडर विक्रम की लैंडिंग को लेकर कोई ताजा अपडेट नहीं है, इसरो की ओर से आया बयान खुश करने वाला जरूर है ।  

New Delhi, Sep 07: भारत के मून मिशन को शनिवार सुबह उस वक्‍त तगड़ा झटका लगा जब लैंडर विक्रम की लैंडिंग से ठीक पहले ही धरती से उसका संपर्क टूट गया । एकदम अंतिम चरण में अधूरे रह गए इस मिशन के बाद भी इसरो की टीम निराश नहीं है। देश का साथ तो वैज्ञानिकों के साथ है ही साथ ही इसरो ने भी अपना विश्‍वास नहीं खोया है । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसरो का कहना है कि वो जल्द ही गुड न्यूज देंगे।

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मिशन पूरा नहीं हो पाया, क्‍या रही वजह ?
भारतीय वैज्ञानिकों ने वो करने का साहस किया जो अब तक कोई देश नहीं कर पाया । चंद्रयान 2के जरिए भारतीय वैज्ञानिकों ने चांद के दक्षिणी सिरे पर उतरने की कोशिश की । बह‍रहाल ये मिशन अधूरा रह गया, इस बीच इसरो की टीम उस वजह का पता लगा रही है, जिसके चलते लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर नहीं उतर पाया। फिलहाल लैंडर से इसरो का संपर्क टूट गया है।

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लैंडर की अभी कोई खबर नहीं : इसरो
इसरो का कहना है कि लैंडर की फिलहाल कोई खबर नहीं है । वहीं आर्बिटर द्वारा भेजी जाने वाली तस्वीरों के जरिए लैंडर का पता लगाने की कोशिश जारी रहेगी । हम कुछ ही दिन में देश को गुड न्यूज देंगे। हालांकि मिशन से जुड़ें एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसा होना मुश्किल है । उन्‍होने कहा – ‘‘लैंडर से कोई संपर्क नहीं है। यह लगभग समाप्त हो गया है। कोई उम्मीद नहीं है। लैंडर से दोबारा संपर्क स्थापित करना बहुत ही मुश्किल है।’’

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स्‍वदेशी तकनीक पर आधारित बजट
आपको बता दें चंद्रयान-2 मिशन के तहत भेजा गया 1,471 किलोग्राम वजनी लैंडर ‘विक्रम’ भारत का पहला ऐसा मिशन था जो स्वदेशी तकनीक की मदद से चंद्रमा पर खोज के लिए भेजा गया था । आपको बता दें लैंडर का यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले डॉ. विक्रम ए साराभाई पर दिया गया था । लैंडर को खास चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए डिजाइन किया गया था और इसे एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के 14 दिन के बराबर काम करना था। वहीं लैंडर विक्रम के भीतर 27 किलोग्राम वजनी रोवर प्रज्ञान भी था।