जेब मेें 1 पैसा लेकर पाक से भारत आये थे राम जेठमलानी, वकालत की दुनिया में ऐसे कमाया नाम

राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को शिकारपुर (अब पाक का हिस्सा) में हुआ था, उन्होने 17 साल की उम्र में ही एलएलबी की डिग्री हासिल कर ली थी।

New Delhi, Sep 08 : देश के चर्चित वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी का रविवार सुबह दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया, वो 95 साल के थे, पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, साल 1996 में वाजपेयी सरकार में वो कानून मंत्री रहे, इसके साथ ही उन्होने कई हाई प्रोफाइल केस मुफ्त में लड़े, वो 1947 में देश बंटवारे के समय कराची से जेब में एक पैसा लेकर भारत आये थे, तब रिफ्यूजी कैंप में रहे, लेकिन उन्होने बाद में बड़े-बड़े केस लड़कर वकालत में खूब नाम कमाया।

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पाक में जन्म
राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को शिकारपुर (अब पाक का हिस्सा) में हुआ था, उन्होने 17 साल की उम्र में ही एलएलबी की डिग्री हासिल कर ली थी, वो विशेष स्थिति में 18 साल की उम्र में ही वकील बन गये थे, जबकि वकील बनने की न्यूनतम उम्र 21 थी, उन्होने बाद में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से वकालत में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।

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दोस्त की सलाह पर भारत आये
राम जेठमलानी ने अपनी वकालत और प्रोफेसरी की शुरुआत अविभाजित भारत में सिंध प्रांत से की थी, उन्होने कराची में अपने दोस्त ए के ब्रोही के साथ मिलकर एक लॉ फर्म की शुरुआत की, फरवरी 1948 में देश बंटवारे के बाद कराची में दंगे भड़क गये, तब ब्रोही के सलाह पर भारत आ गये थे, उस समय उनकी जेब में सिर्फ एक पैसा था, कुछ दिन वो शरणार्थी शिविर में रहे।

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वाजपेयी सरकार में मंत्री
1977 और 1980 लोकसभा चुनाव में वो जनता पार्टी और बीजेपी के टिकट पर मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे, 1985 में उन्हें कांग्रेस के सुनील दत्त ने हराया, जिसके बाद बीजेपी ने 1988 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया, 1996 में वाजपेयी सरकार में वो कानून मंत्री बने, 1999 में फिर कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली, हालांकि बाद में कुछ खटपट होने की वजह से उन्होने पार्टी विरोधी बयान दिये, 2004 लोकसभा चुनाव में वो अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़े, उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

चर्चित केस
राम जेठमलानी की ओर से लड़े गये कुछ बड़े केसों में हवाला कांस में आडवाणी का बचाव, जेसिका लाल हत्याकांड में आरोपित मनु शर्मा का बचाव, इंदिरा गांधी के हत्या आरोपी का बचाव, राजीव गांधी के हत्या आरोपी का बचाव, सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ केस में अमित शाह का बचाव, 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में कनिमोझी का बचाव, जग्गी हत्या के मामले में अमित जोगी का बचाव वाले केस शामिल हैं।