Opinion- बिहार – एक झटके में इस सरकार ने बिना मेट्रो चलाये आपको मेट्रो सिटी के टक्कर में ला खड़ा किया

मंशा यह भी है कि आप सिर्फ सरकार और नगर निगम के भरोसे न रहें, आत्मनिर्भर बनें। आपमें सामाजिकता का भाव पैदा हो।

New Delhi, Oct 02 : पटना में बारिश का पानी क्या लगा, लगे लोग बिना पानी पीयें सरकार को कोसने-सरकार निक्कमी है, अधिकारी काम नहीं करते, स्मार्ट सिटी का पैसा खा गए, कुछ नगर निगम पर ठीकरा फोड़ रहे हैं।

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लेकिन यह स्थिति रोने की नहीं गर्व करने की है। सरकार और नगर निगम का आभार जताने की है। पटना के ज्ञानियों ! जरा यह तो सोचो कि सरकार ने एक झटके में पटना को मुम्बई और चेन्नई के बराबर ला खड़ा किया! न्यूज़ चैनलों और अखबारों के माध्यम से पूरे देश में पटना के जल जमाव की चर्चा हो रही है। देश पानी-पानी हुए पटना को देख रहा है।

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राष्ट्रीय स्तर पर पटना को इतनी तवज्जो मिल रही है। PM, CM को फोन कर हाल पूछ रहे हैं। अबतक यह इम्पोर्टेंस मुम्बई या चेन्नई जैसे मेट्रो सिटी को ही मिलता था। एक झटके में इस सरकार ने बिना मेट्रो चलाये आपको मेट्रो सिटी के टक्कर में ला खड़ा किया, यह कम बड़ी उपलब्धि है क्या? पर हमें तो सिर्फ रोने की आदत सी हो गई है! इस उपलब्धि को पाने के लिए सरकार और उसके बहादुर अफसरों को कितना तीन-तेरह और दाएं-बाएं करना पड़ा होगा, इसके लिए कितना मानसिक श्रम करना पड़ा होगा, यह कभी सोचा है! और यह सब करना पड़ा सिर्फ पटनाइट्स के लिए, ताकि मुम्बई और चेन्नई वालों के आगे आपको नीचा न देखना पड़े।

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मंशा यह भी है कि आप सिर्फ सरकार और नगर निगम के भरोसे न रहें, आत्मनिर्भर बनें। आपमें सामाजिकता का भाव पैदा हो। इतनी नेकदिल और चिंता करने वाली सरकार को आप क्यों शर्मिंदा करने पर आमादा हैं ! वो तो पहले ही पानी-पानी हो चुकी है। तभी तो ‘सरकार’ रात के अंधेरे में शहर का पानी देखने निकली ताकि कोई उनके चेहरे का उतरा हुआ पानी न देख ले! गर्व कीजिये कि आप पटना में है, जहाँ मुम्बई की तरह जल जमाव होता है।

(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)