बीजेपी ने भूल से भी की ऐसी गलती, तो आदित्य ठाकरे मार सकते हैं बाजी, चल दी सबसे बड़ी चाल

ठाकरे परिवार से पहली बार कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है, आदित्य ठाकरे ने वर्ली विधानसभा से नामांकन किया है।

New Delhi, Oct 06 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भले बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन का ऐलान तो हो गया, लेकिन चुनाव से ठीक पहले दोनों राजनीतिक पार्टियों के बीच मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं, दोनों दलों में गठबंधन है, लेकिन इस मामले में दोनों की अलग राय है, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा विंग के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे को पता है कि बीजेपी के लिये मेट्रो प्रोजेक्ट अहम है, इसलिये उन्होने पर्यावरण की चिंता जताकर सियासी स्टंट चल दिया है।

Advertisement

वोट बैंक साधने की जुगत में आदित्य
ठाकरे परिवार से पहली बार कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है, आदित्य ठाकरे ने वर्ली विधानसभा से नामांकन किया है, जिसके बाद से वो काफी आक्रामक मूड में दिख रहे हैं, अब तक आदित्य की बातों से जो राजनीतिक सोच सामने आती थी, वो बाल ठाकरे और उद्धव का एडवांस वर्जन था, उन्होने जमाने के साथ चलने का फैसला लिया था, वो पहले ही मान चुके हैं कि शिवसेना का सियासी स्टाइल पुराना हो चुका है, इसलिये सत्ता पाने के लिये इसे बदलना होगा।

Advertisement

200 पेड़ों का कटान
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जैने के फैसले और ट्रिपल तलाक को बीजेपी बड़ी उपलब्धि बता रही है, तो महाराष्ट्र चुनाव में आदित्य ने आरे कॉलोनी पेड़ कटाई का मामला उठाया है, दरअसल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिये मुंबई में 200 पेड़ों की कटाई की गई है, जिसे आदित्य पर्यावरण से जोड़कर अलग रुप देना चाहते हैं।

Advertisement

चुनाव का मुद्दा
आरे कॉलोनी में पेड़ों का कटाव शिवसेना के लिये मुंह मांगी मुराद पूरा होने जैसा साबित हो रहा है, जिस पर आदित्य ने राजनीति शुरु कर दी है, चुनाव से पहले ही अलग रुख गठबंधन पर क्या असर करेगा, ये तो देखने वाली बात होगी, हालांकि विकास और राष्ट्रवाद के नाम पर देवेन्द्र फडण्वीस चुनाव में बढत बनाते हुए दिख रहे हैं, आरे कॉलोनी के जंगलों को कटने से बचाने की लड़ाई लड़ रहे लोगों और पर्यावरण विदों को बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले से झटका भी लगा था।