12वीं में फेल हो चुका शख्स यूं बना IPS, प्रेमिका से कही थी ऐसी बात, प्रेरणादायक है कहानी

12वीं में फेल होने के बाद वो अपने भाई के साथ टैंपो चलाने लगे, इसी दौरान उनका टैंपो पकड़ा गया, वो मनोज एसडीएम से मदद मांगने पहुंचे।

New Delhi, Oct 18 : 12वीं फेल, हारा वही जो लड़ा नहीं शीर्षक की किताब अनुराग पाठक ने अपने साथी मनोज शर्मा पर लिखी है, इसमें संघर्ष से भरी दिलचस्प कहानी है, अपनी प्रेमिका को दिया आईपीएस बनने का वादा मनोज शर्मा ने बखूबी निभाया, आइये विस्तार से आपको बताते हैं कि 12वीं में फेल होने वाला लड़का कैसे आईपीएस बना।

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नकल से पास
मनोज शर्मा का जन्म एमपी के मुरैना में हुआ था, नौंवी, दसवीं और ग्यारहवीं में तीसरे स्थान पर रहे, उन्होने बताया कि उन्होने नकल का सहारा लिया, लेकिन 12वीं में नकल करना मुश्किल था, इस वजह से फेल हो गये, हालांकि उन्होने 12वीं में भी नकल से पास होने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन तब एडीएम ने स्कूल में नकल ना होने के लिये ज्यादा से ज्यादा इंतजाम किये थे। एसडीएम के पावर को देखकर मनोज के मन में भी पावरफुल इंसान बनने का ख्याल आया।

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कैसे तैयारी
12वीं में फेल होने के बाद वो अपने भाई के साथ टैंपो चलाने लगे, इसी दौरान उनका टैंपो पकड़ा गया, वो मनोज एसडीएम से मदद मांगने पहुंचे, जब उनसे मिले, तो उन्होने उनसे एक ही सवाल पूछा कि आपने तैयारी कैसे की, तब मनोज ने एसडीएम को नहीं बताया था कि वो 12वीं में फेल हो गये हैं, उनसे मिलने के कुछ दिनों बाद वो ग्वालियर आ गये, चूंकि उनके पास पैसे नहीं थे, इसलिये वो मंदिर के बाहर भिखारियों के बगल में सोते थे, कुछ दिनों बाद उन्हें लाइब्रेरी में चपरासी की नौकरी मिल गई।

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तैयारी शुरु कर दी
लाइब्रेरी में नौकरी करते हुए गोर्की और अब्राहम लिंकन से लेकर मुक्तबोध जैसे बड़े-बड़े लोगों के बारे में पढा, उनके द्वारा किये गये कामों को समझा, फिर उन्होने एसडीए बनने की तैयारी शुरु कर दी, मनोज दिल ही दिल में एक लड़की से प्यार करते थे, लेकिन 12वीं में फेल हो जाने की वजह से अपने दिल की बात कहने से डरते थे। मनोज ग्वालियर से दिल्ली आ गये, यहां भी उनके पास पैसे नहीं थे, तो उन्होने कुत्ता टहलाने की नौकरी की, तब उन्हें 400 रुपये प्रति कुत्ते मिलते थे।

आईपीएस बन गये
मनोज के सर दिव्यकीर्ति ने उनका एडमिशन कराया और फीस के पैसे भरे, पहले प्रयास में ही उन्होने आसानी से प्री निकाल लिया, लेकिन दूसरे और तीसरे प्रयास में प्री भी नहीं निकला, चौथे और आखिरी प्रयास में परीक्षा पास कर मेंस तक पहुंचे, चूंकि उनकी अंग्रेजी कमजोर थी, इसलिये मेंस में परेशानी हुई, मनोज बताते हैं कि वो एक लड़की से प्यार करते थे, उससे कहा था कि अगर तुम साथ दो, तो मैं दुनिया पलट सकता हूं, इस तरह उन्होने यूपीएससी निकाल कर आईपीएस बन गये ।