अपने ही बिछाये जाल में फंस गई शिवसेना, भारी पड़ गया फॉर्मूला

राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, दरअसल शिवसेना का कहना है कि राज्यपाल ने उन्हें समर्थन पत्र देने के लिये 72 घंटे का समय नहीं दिया।

New Delhi, Nov 12 : महाराष्ट्र में सियासी गहमागहमी जारी है, बीजेपी के सामने शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूला रखा था, लेकिन अब यही फॉर्मूला उद्धव ठाकरे के लिये सिरदर्द बनता दिख रहा है, सूत्रों का दावा है कि एनसीपी ने समर्थन देने के एवज में शिवसेना के सामने 50-50 (ढाई-ढाई साल का सीएम) पेश कर सकती है, एनसीपी के एक गुट का कहना है कि अगर शिवसेना बीजेपी को ढाई साल सीएम पद देने को तैयार है, तो हमें क्यों नहीं, एनसीपी और शिवसेना के विधानसभा सीटों में ज्यादा का अंतर नहीं है।

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18 दिन बाद भी असमंजस
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किया गया था, 18 दिन बीत जाने के बाद भी नई सरकार का गठन नहीं हो पाया है, शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, लेकिन किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ, जिसके बाद शिवसेना ने बीजेपी को तेवर दिखाने शुरु किये, शिवसेना लगातार सीएम पद की मांग करती रही, जबकि बीजेपी इस पर समझौता करने के मूड में नहीं है, जिसकी वजह से दोनों का गठबंधन टूट गया।

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सरकार बनाने के लिये न्योता
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे पहले सबसे बड़े दल बीजेपी को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित किया, लेकिन निवर्तमान सीएम देवेन्द्र फडण्वीस ने जादूई आंकड़ा ना होने की वजह से सरकार बनाने में असमर्थता जताई, उन्होने कहा कि उनके पास पूर्ण बहुमत नहीं है, ऐसे में उनकी पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी, जिसके बाद शिवसेना को न्योता दिया गया, लेकिन शिवसेना भी समर्थन पत्र के साथ दावा नहीं कर सकी, फिर राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया।

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शिवसेना पहुंची कोर्ट
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, दरअसल शिवसेना का कहना है कि राज्यपाल ने उन्हें समर्थन पत्र देने के लिये 72 घंटे का समय नहीं दिया, इसके कुछ देर बाद ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी है, जिसे मोदी सरकार ने मंजूर भी कर लिया है।