कांग्रेस की गुगली पर हिट विकेट हो गये उद्धव ठाकरे, पलटी मार सुधार सकते हैं ‘गलती’?

शिवसेना ने बचकानी राजनीति की, सरकार बनाने को लेकर उद्धव ठाकरे इतने उतावले हो गये कि कांग्रेस के सामने खुद की फजीहत करा ली।

New Delhi, Nov 13 : पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र की सियासत में कई रंग देखने को मिले, इस राजनीतिक खेल का केन्द्र शिवसेना रही, इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य की बात क्रिकेट की भाषा में करें, तो शिवसेना ने पूरे दिन शानदार बल्लेबाजी की, लेकिन स्लॉग ओवर में कांग्रेस की गुगली पर बोल्ड हो गई। राजनीति के छात्र के तौर पर बात करें, तो शिवसेना ने बचकानी राजनीति की, सरकार बनाने को लेकर उद्धव ठाकरे इतने उतावले हो गये कि कांग्रेस के सामने खुद की फजीहत करा ली, शिवसेना शरद पवार जैसे मंझे हुए राजनेता की चाल को भी ठीक से भांप नहीं सकी, आइये आपको बताते हैं कि शिवसेना कैसे गच्चा खा गई।

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उतावली दिखी शिवसेना
रविवार शाम को बीजेपी ने राज्यपाल को सूचित किया, कि वो अकेले अपने दम पर महाराष्ट्र में सरकार बनाने में सक्षम नहीं है, जिसके बाद राज्यपाल ने नंबर दो पार्टी शिवसेना को मौका दिया, रविवार शाम तक खबर आई कि शिवसेना और एनसीपी के बीच सरकार बनाने को लेकर डील फाइनल हो चुकी है, डील के तहत उद्धव ठाकरे खुद सीएम बनेंगे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिलेगी, गृह मंत्री जयंत पाटिल हो सकते हैं, सरकार को बाहर से समर्थन देने के एवज में कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी दी जा सकती है, इस खबर को और हवा शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान से मिली।

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अगला सीएम शिवसेना का
संजय राउत ने रविवार शाम को कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में अगला सीएम शिवसेना का होगा, उन्होने कह दिया मतलब समझिये वही होगा, चाहे वो किसी भी कीमत पर हो। शिवसेना की ओर से जारी बयान उस समय हल्की साबित हुई जब सरकार बनाने को लेकर बातचीत का दौर शुरु हुआ, दोपहर करीब 1 बजे उद्धव ठाकरे शरद पवार से मिलने होटल ताज लैंड्स एंड पहुंचे, मीडिया में खबर आई कि डील फाइनल हो चुकी है, तभी एनसीपी प्रवक्ता भुक्कल नवाब ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि वो शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस की सहमति जरुरी है, इस बयान के बाद संकेत मिल गया कि डील में अभी पेंच है।

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एनसीपी ने रखी शर्त
फिर मीडिया में खबर आई कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने शिवसेना के सामने शर्त रखी है कि वो पहले बीजेपी से नाता तोड़े, मोदी सरकार से मंत्री का इस्तीफा करायें, तभी अरविंद सावंत ने मोदी सरकार से इस्तीफा दिया, इस्तीफे के बाद लगा कि शिवसेना सरकार बनाने का जुगाड़ कर चुकी है, लेकिन वास्तव में फिर ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने आवास पर बैठक बुलाई, शाम चार बजे सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे की फोन पर बातचीत हुई, हालांकि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसका कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।

बाहर से समर्थन
सोनिया गांधी अपने आवास पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने में जुटी रही, तभी खबर आई कि एनसीपी ने फैक्स के जरिये सीधे राज भवन को पत्र भेजकर शिवसेना को समर्थन कर दिया है, कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन करेगी। सोमवार शाम 7 बजे के करीब आदित्य ठाकरे शिवसेना और कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ मुस्कुराते हुए राजभवन पहुंचे, मीडिया में कहा गया कि शिवसेना ने 161 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

कांग्रेस की गुगली पर बोल्ड
राज्यपाल से मिलने के बाद जब आदित्य मीडिया के सामने आये, तो पता चला कि पिछले 24 घंटे में शानदार बल्लेबाजी करने वाली शिवसेना कांग्रेस की गुगली पर बोल्ड हो चुकी है, आदित्य ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें 24 घंटे के भीतर सरकार बनाने के लिये पर्याप्त बहुमत जुटाने का समय दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, कांग्रेस और एनसीपी से बातचीत चल ही रही है, राज्यपाल से और 24 घंटे का समय मांगा, लेकिन उन्होने मना कर दिया।

दौड़ पड़ी एनसीपी
इसके बाद राज्यपाल ने तीसरे नंबर की पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता भेजा, जिसके बाद तुरंत अजित पवार राज भवन पहुंचे, और कहा कि मंगलवार को कांग्रेस के साथ बैछक के बाद स्पष्ट कर पाएंगे, कि वो सरकार बनाने में सक्षम हैं या नहीं। इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में शिवसेना ने कई बार दंभ भरा, केन्द्र सरकार से मंत्री का इस्तीफा भी करवा लिया, लेकिन शह-मात के खेल में वो फेल साबित हुए।