अंजना ओम कश्‍यप का मजेदार ट्वीट, लिखा – ‘अजीत पवार ने वही दवा शरद पवार को पिला दी!’

महाराष्‍ट्र में अजीत पवार की बगावत के बाद भी उन्‍हें पार्टी से ना निकाला जाना समझ से बाहर है । ऊपर से शरद पवार के भतीजे को लेकर आ रहे बयान, वाकई जनता की समझ से परे ही हैं ।  

New Delhi, Nov 25: महाराष्‍ट्र में सियासी हलचल तेज है, बीजेपी और एनसीपी नेता अजीत पवार की गुपचुप गठबंधन की सरकार को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई । कोर्ट ने मंगलवार को फ्लोर टेस्‍ट पर सुनाने की बात कही है । इस बीच शरद पवार के भी बयान आ रहे हैं, भतीजे से नाराजगी तो जाहिर की जा रही है लेकिन उन पर बगावती होने पर कार्रवाई का सभी को अब तक इंतजार है । तो क्‍या शरद पवार का गुस्‍सा महज दिखावा है, या वो अब सही समय का इंतजार कर रहे हैं ।

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शरद पवार ने क्‍या कहा ?
आपको बता दें अजीत पवार के बीजेपी को समर्थन पर शरद पवार का सबसे पहला बयान ये आया था कि ये अजीत का निजी फैसला है । बीजेपी को समर्थन देने में पार्टी उनके साथ नहीं है । शरद पवार इसके बाद भी बोल चुके हैं कि वो अजीत पवार के इस फैसले के साथ नहीं हैं । हालांकि एनसीपी के नेता अजीत पवार को मनाने में जुटे हैं, पार्टी लाइन से अलग उन्‍होने जो फैसला लिया वो सही नहीं है ये बताने की कोशिश में जुटे हैं । बताया जा रहा है कि अजित पवार को छगन भुजबल और जयंत पाटिल जैसे बड़े एनसीपी नेता मनाने में जुटे हैं ।

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अंजना ओम कश्‍यप का ट्वीट
वहीं शरद पवार को भतीजे से मिले इस धोखे पर अंजना ओम कश्‍यप ने चुटकी ली है । उन्‍होने ये ट्वीट किया है । आज तक न्‍यूज चैनल की सीनियर एंकर अंजना ओम कश्‍यप ने ट्वीट कर लिखा है – 1978 में कांग्रेस पार्टी की वसंतदादा की सरकार से अलग होकर शरद पवार ने कांग्रेस तोड़ सोशलिस्ट कांग्रेस बना ली थी, सरकार गिरा दी और खुद सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बन गए थे। अजीत पवार ने वही दवा शरद पवार को पिला दी!

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अब तक पार्टी से छुट्टी क्‍यों नहीं की ?
शरद पवार को लेकर एक सवाल जो उठ रहा है वो ये कि उन्‍होने अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है । अजित पवार अब भी ट्वीट कर यही कह रहे हैं कि वो एनसीपी के ही सदस्य हैं और शरद पवार उनके नेता हैं । उन्होंने अपना प्रोफाइल भी बदलकर उप-मुख्यमंत्री कर लिया है । जिसके बाद शरद पवार ने भी ट्वीट किया, उन्होंने लिखा, ”बीजेपी के साथ गठबंधन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता । एनसीपी ने सर्वसम्मति से शिव सेना और कांग्रेस के साथ जाने का फ़ैसला लिया है । अजित पवार लोगों को उलझन में डालने के लिए गुमराह कर रहे हैं।”