नवजात के पैदा होते ही हुई मौत, गम में डूबी मां ने किया ऐसा फैसला, हो रही जमकर तारीफ  

बच्‍चे की मौत के 3 घंटे बाद ही एक मां ने ऐसा फैसला लिया कि आज सब उसकी सोशल मीडिया पर तारीफ कर रहे हैं । मां का ये फैसला महादान माना जा रहा है ।

New Delhi, Nov 28: क्‍या गुजरती है उस मां पर जिसका बच्‍चा पैदा होते ही मां के गाल में समां जाएं । ऐसी बातें तो पढ़ने में भी सिहरन पैदा करती हैं । कुछ ऐसा ही गुजरा है एक मां के साथ । अजन्‍मे बच्‍चे के बारे में ही पता चल गया था कि वो ज्‍यादा जी नहीं पाएगा, लेकिन जन्‍म के बाद उसकी जिंदगी सिर्फ 3 घंटे की होगी ये दंपति नहीं जानता था । अपने बच्‍चे को जी भर कर निहारने वाली इस मां ने बच्‍चे की मौत के बाद एक फैसला लेकर सबको चौंका दिया । हालांकि वो इस फैसले को लेकर पहले से ही सोच रही थी ।

Advertisement

मां ने किया महादान
सिएरा स्‍ट्रैंगफेल्‍ड नाम की इस महिला को डॉक्‍टरों ने पहले ही बता दिया था कि बच्‍चा एक दुर्लभ बीमारी ट्रिसोमी 18 से जूझ रहा है । इस बीमारी के चलते शरीर का विकास रुक जाता है । सिएरा ने कहा कि डॉक्‍टरों ने उसे बच्‍चा गिराने की सलाह दे दी थी, लेकिन वो उसे जन्‍म देकर उससे मिलना   चाहती थी । उसे प्‍यार करना चाहती थी । उसने बिलकुल ऐसा ही किया । बच्‍चे के जन्‍म के साथ ही उसने फैसला कर लिया था कि वो अपने बच्‍चे को तो बड़ा नहीं कर सकी लेकिन कुछ ऐसा जरूर करेगी जिससे दुधमुंहे बच्‍चों की मदद हो सके ।

Advertisement

Advertisement

Posted by Sierra Strangfeld on Wednesday, November 13, 2019

लिया बड़ा फैसला
अमेरिका में रहने वाली सिएरा ने बताया कि कैसे उन्‍होने अपने नवजात के साथ वो तीन घंटे बिताए । उसे महसूस किया । सिएरा ने कहा कि मैं उन तीन घंटों तक उसे एकटक देख रही थी। लेकिन वह 3 घंटे जैसे मिनटों में बीत गए।उन तीन घंटों में ही सिएरा ने एक फैसला किया। उन्‍होंने तय किया कि वह अपना दूध दान कर देंगी। वह चाहती थीं कि उनका ब्रेस्‍ट मिल्‍क उन बच्‍चों के काम आए, जिन्‍हें इसकी जरूरत है। उसने कहा – मेरा अपने बच्‍चे के जीवन और उसकी मौत पर नियंत्रण नहीं है। लेकिन मैंने उसके बाद जो किया, वह मेरे नियंत्रण में था।

ब्रेस्‍ट मिल्‍क किया जमा
सिएरा ने 63 दिनों तक पम्‍प के जरिए अपना बेस्‍ट मिल्‍क इक्‍ट्ठा किया। उन्‍होंने मदर्स मिल्‍क बैंक को 15 लीटर दूध दिया है । सिएरा ने अपना ये अनुभव फेसबुक पर शेयर किया । उन्‍होने लिखा – ‘पम्‍पिंग मुश्किल है। मानसिक और शारीरिक दोनों रूप में। यह तब और कठिन हो जाता है जब आपका बच्‍चा आपके पास नहीं है।’ वाकई सिएरा ने एक मिसाल कायम की है । अपना बच्‍चा खोकर भी सिएरा ने ना जाने कितने बच्‍चों को पोषण देने का काम किया है ।

Posted by Sierra Strangfeld on Wednesday, November 13, 2019