नीतीश ने प्रशांत किशोर को दिखाई औकात, पार्टी का स्टैंड क्लियर है

प्रशांत किशोर के साथ ही जदयू के राज्यसभा सांसद पवन वर्मा भी इसके विरोध में हैं, उन्होने इस बिल को एकता और सद्भाव के लिये खतरा बताया है।

New Delhi, Dec 11 : नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने के बाद जनता दल यूनाइटेड दो खेमों में बंटती दिख रही है, एक खेमा इसके पक्ष में है, तो दूसरा खेमा लगातार विरोध कर रहा है। चुनावी रणनीतिकार और जदयू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर निराशा जाहिर की थी, अब एक बार फिर उन्होने ट्वीट कर कहा है कि नागरिकता बिल का समर्थन करते हुए जदयू नेतृत्व को याद रखना चाहिये कि साल 2015 में लोगों ने जो दोबारा विश्वास और भरोसा दिया था, उसे हमें भूलना नहीं चाहिये।

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विरोध में कई नेता
प्रशांत किशोर के साथ ही जदयू के राज्यसभा सांसद पवन वर्मा भी इसके विरोध में हैं, उन्होने इस बिल को एकता और सद्भाव के लिये खतरा बताया है, तो जदयू एमएलसी गुलाम गौस और गुलाम रसूल बलियावी ने भी प्रमुखता से अपनी आवाज उठाई है, हालांकि जदयू नेतृत्व ने साफ कर दिया है, कि वो इस मुद्दे पर सरकार के साथ हैं।

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बयान निजी हैं
बिहार जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने स्पष्ट शब्दों में है कि पार्टी लाइन से हटकर बयान देने वालों के बयान निजी हैं, पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है, उन्होने आगे बोलते हुए कहा कि पार्टी के निर्णयों पर सवाल उठाने से पहले पार्टी के फोरम में उन पर गंभीर चर्चा होती है, वहां पर उन्हें अपनी बात रखनी चाहिये, अलग से कुछ भी बयान ना दें।

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पार्टी का स्टैंड क्लियर
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का स्टैंज क्लियर है, हमें कहीं कोई संदेह नहीं है, लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी हम बिल का समर्थन करेंगे, जब पार्टी की लाइन तय है, तो फिर किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति के अलग स्टैंड का कोई मतलब नहीं बनता है, अधिकृत राय वही है, जो लोकसभा में सांसद दल के नेता राजीव रंजन सिंह ने रखा था।