एक-एक दाढी नोंच लूंगा, अपनी पत्रकारिता अपने पास रखो, पत्रकार ने सुनाई आपबीती

पुलिस ने उमर रशीद पर आरोप लगाया कि वो सीएए कानून के विरोध में पुलिस की संपत्ति नष्ट करने में भीड़ का हिस्सा थे, इस पर रशीद ने इन आरोपों से इंकार किया।

New Delhi, Dec 21 : यूपी पुलिस ने शुक्रवार शाम को अंग्रेजी दैनिक अखबार द हिंदू के पत्रकार उमर रशीद को हिरासत में ले लिया, पुलिस ने शाम 6.45 बजे लखनऊ में बीजेपी ऑफिस के पास स्थित एक ढाबे से पत्रकार को हिरासत में लिया, जहां उमर रशीद कुछ लोगों के साथ बैठे हुए थे, उन्होने अपने एक लेख के जरिये अपने साथ हुई आपबीती को बताया है, कि किस तरह पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ की, जब रशीद ने इसका विरोध किया, तो पुलिस को ये बताने की कोशिश की, कि वो पत्रकार हैं, तो पुलिस ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि अपनी पत्रकारिता अपने पास रखो।

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पीसी कवर करने गये थे
उमर रशीद ने बताया कि वो यूपी सरकार की प्रेस कांफ्रेंस कवर करने गये थे, जब वो ढाबे पर बैठकर कुछ खा रहे थी, तभी 4 पुलिसकर्मी सादी वर्दी में उनके पास पहुंचे और उन्हें तथा उनके साथ बैठे स्थानीय कार्यकर्ता रोबिन वर्मा को पास के हजरतगंज पुलिस थाने ले गये, इस दौरान पुलिस वालों ने उनका फोन ले लिया, ताकि वो किसी को मैसेज या फोन ना कर सकें।

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रोबिन की पिटाई
इसके बाद दोनों को एक कमरे में बिठाया गया, जहां पुलिस वालों ने रोबिन की पिटाई शुरु कर दी, चमड़े की मोटी बेल्ट से उन्हें मारा और थप्पड़ भी लगाये, जब रशीद ने उन्हें इस तरह पुलिस थाने में लाये जाने पर सवाल पूछा, तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें शांत रहने को कहा, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी के तहत मामला दर्ज करने की धमकी भी दी गई।

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भीड़ का हिस्सा थे
पुलिस ने उमर रशीद पर आरोप लगाया कि वो सीएए कानून के विरोध में पुलिस की संपत्ति नष्ट करने में भीड़ का हिस्सा थे, इस पर रशीद ने इन आरोपों से इंकार किया, और बताया कि वो एक पत्रकार हैं, इसके बाद उन्होने अपना आई कार्ड भी पुलिस वालों को दिखाया, जिसके बाद पुलिस वालों ने कहा कि अपनी पत्रकारिता अपने पास रखो, रशीद की कश्मीरी बैकग्राउंड को लेकर भी पुलिसकर्मियों ने सवाल पूछे।

कश्मीर बैकग्राउंड को लेकर सवाल
रशीद ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने उनसे कश्मीरी लोगों के ठिकाने को लेकर सवाल पूछे, मैंने कश्मीरियों को कहां छिपाया हुआ है, एक पुलिस वाले ने धमकाते हुए कहा कि अगर मैंने उनके सवालों के जवाब नहीं दिये, तो वो उनकी एक-एक दाढी नोंच लेगा। पुलिस ने रात 8.30 बजे तक थाने में बिठाकर रखा, जहां हजरतगंज थाने के सर्किल ऑफिसर ने भी उनसे कुछ देर सवाल-जवाब किया, इसके बाद हमारी हिरासत के संबंध में सीएम ऑफिस फोन पहुंच गया, जहां से हमें छोड़ने के निर्देश जारी किये गये, इसके बाद पुलिस वालों ने हमसे अपने व्यवहार के लिये माफी भी मांगी और जाने को कहा।