झारखंड चुनाव – पिता जेल में, मां तड़ीपार, बेटी ने चुनाव मेें रच दिया इतिहास

पिता योगेन्द्र साहू पर करीब 24 मुकदमे दर्ज है, रामगढ स्पंज आयरन फैक्ट्री से रंगदारी मांगने के मामले में उन्हें दोषी पाया गया।

New Delhi, Dec 25 : झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आ चुके हैं, प्रदेश में हेमंत सोरेन की अगुवाई में महागठबंधन की सरकार बनने वाली है, इस बार चुनाव में कुछ सीटों पर सबकी नजर थी, जिसमें एक सीट बड़कागांव भी था, दरअसल इस सीट से चुनाव लड़ रही अंबा प्रसाद थी, जिनके खिलाफ उनके प्रतिद्वंदी भी बोलने से बचते नजर आये, हां, उनके माता-पिता पर विरोधियों ने जमकर हमले किये।

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तीन चुनाव से परिवार का कब्जा
इस बार अंबा प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी और जीत भी गई, इससे पहले 2009 विधानसभा चुनाव में इसी सीट से अंबा के पिता योगेन्द्र साहू ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी, वो मंत्री भी बनें, लेकिन उन पर कई आरोप लगे, और वो जेल चले गये, अगले चुनाव यानी 2014 में अंबा की मां निर्मला देवी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया, वो भी जीती, यानी लगातार तीन चुनावों से इस सीट पर इसी परिवार का कब्जा है।

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पिता को जेल
योगेन्द्र साहू पर करीब 24 मुकदमे दर्ज है, रामगढ स्पंज आयरन फैक्ट्री से रंगदारी मांगने के मामले में उन्हें दोषी पाया गया, झारखंड हाईकोर्ट ने सजा सुनाई, सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा, दरअसल हुआ ये था कि 1 अक्टूबर 2016 को कफन आंदोलन हुआ था, जिसमें गांव वालों के साथ योगेन्द्र और निर्मला देवी भी उतरी, गांव वालों की मांग थी कि एनटीपीसी ने माइनिंग (खनन) के लिये उनकी जो जमीन ली थी, उसका बेहतर मुआवजा दिया जाए, इसी दौरान पुलिस फायरिंग में 4 लोग मारे गये, झारखंड के लोग बड़कागांव गोलीकांड के नाम से इस घटना को जानते हैं, तब 4.25 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिल रहा था, गोलीकांड के बाद 20 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा मिलने लगा।

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मां निर्मला तड़ीपार
निर्मला देवी को इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबरन घुसकर गांव वालों ने उन्हें पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया, जिसके बाद मामले की सुनवाई शुरु हुई, तो निर्मला को तड़ीपार कर दिया गया, ताकि वो मुकदमे पर कोई असर ना डाल सकें। जिसके बाद इस बार कांग्रेस ने उनकी बेटी अंबा प्रसाद को उम्मीदवार बनाया।

राहुल ने किया था प्रचार
अंबा प्रसाद बीबीए और ह्यूमन रिसोर्सेज में एमबीए किया है, लॉ की भी पढाई की है, 2014 से अंबा दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी, तभी उन्हें पता चला कि पिता की तबीयत खराब हो गई है, जिसके बाद वो बड़कागांव पहुंची, इसके बाद वापस दिल्ली नहीं आई, लोकसभा चुनाव 2019 में भी अपनी मां निर्मला देवी की प्रतिनिधि बनकर चुनाव प्रचार किया, हालांकि अंबा का नाम सुर्खियों में तब आया, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उनके लिये वोट मांगने पहुंचे, 28 वर्षीय अंबा इस बार झारखंड विधानसभा में सबसे कम उम्र की विधायक हैं।