इस अफसोस के साथ इरफान पठान ने किया संन्यास का ऐलान, कहा शिकायत नहीं लेकिन…

इरफान पठान ने कहा कि मैं चाहता था कि और खेलूं, अपने विकटों की संख्या 500-600 तक पहुंचाऊं, रन बनाऊं लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

New Delhi, Jan 05 : टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास की घोषणा कर दी, इस दौरान उन्होने कहा कि लोग 27-28 साल की उम्र में अपना करियर शुरु करते हैं, मेरा करियर तब खत्म हो गया, जब मैं 27 साल का था, मुझे इसका अफसोस है, आपको बता दें कि इरफान ने 19 साल की उम्र में 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू किया था, उन्होने आखिरी मैच 2012 में श्रीलंका के खिलाप विश्वकप टी-20 में खेला था, अब पठान 35 साल के हैं, उन्होने संन्यास की घोषणा कर दी है।

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कोई शिकायत नहीं लेकिन खेद होता है
पठान ने कहा कि मैं चाहता था कि और खेलूं, अपने विकटों की संख्या 500-600 तक पहुंचाऊं, रन बनाऊं लेकिन ऐसा नहीं हो सका, इरफान को अपने करियर को आगे बढाने के लिये ज्यादा मौके नहीं मिले, जो भी कारण रहे हों, उन्होने कहा कि कोई शिकायत नहीं है, लेकिन जब पीछे मुड़कर देखता हूं तो खेद होता है।

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2016 में लगा, वापसी होगी
इरफान पठान ने कहा कि 2016 में पहली बार उन्हें लगा कि उनकी दोबारा से टीम इंडिया में वापसी होगी, लेकिन तब भी मौका नहीं मिला, तो समझ आ गया, कि अब मैं टीम इंडिया के लिये नहीं खेल पाऊंगा, जबकि मैंने मुश्ताक अली ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाये थे, मैं सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर था, जब मैंने चयनकर्ताओं से बात की, तो वो मेरी गेंदबाजी से ज्यादा प्रभावित नहीं थे।

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2008 में आखिरी टेस्ट
गुजरात के बड़ोदरा में जन्मे पठान ने 2008 में शानदार प्रदर्शन के लिये मैन ऑफ द मैच चुना गया था, लेकिन इसके बाद वो सिर्फ दो टेस्ट मैच ही खेल सके, उन्होने कहा कि लोग पर्थ टेस्ट की बात करते हैं, अगर लोग पूरे आंकड़ों को गौर से देखें, तो इसके बाद मैं सिर्फ एक टेस्ट (असल में दो टेस्ट) ही खेला, मैं उस मुकाबले में मैन ऑफ द मैच बना था, लेकिन फिर मुझे मौके नहीं मिले, यहां तक की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने आखिरी मैच में ऑलराउंडर के रुप में खेला, मैंने नंबर सात पर बल्लेबाजी की थी।