तो जदयू में हो गया प्रशांत किशोर को खेल खत्म? पढिये इनसाइड स्टोरी

नीतीश कुमार ने जिस अंदाज में इस मुद्दे पर अपनी बेबाक राय जाहिर की है, उससे दो बातें तो स्पष्ट है।

New Delhi, Jan 29 : क्या नीतीश कुमार के रणनीतिकार प्रशांत किशोर का जदयू में खेल खत्म हो गया है, दरअसल ये सवाल इसलिये भी उठने लगा है क्योंकि पहली बार सीएम नीतीश कुमार ने पीके पर खुलकर कड़े शब्दों में निशाना साधा है, नीतीश की पीके से कितनी अधिक नाराजगी है, ये उनके बयान से समझा जा सकता है, मंगलवार को मीडिया के एक सवाल पर सुशासन बाबू ने कहा कि अमित शाह ने मुझे प्रशांत किशोर को जदयू में शामिल करने के कहा था, तब मैंने उन्हें पार्टी में शामिल कराया, पीके से पूछ लीजिए, रहना है या नहीं ? यदि रहना है तो पार्टी लाइन पर रहना होगा, नहीं तो जहां जाना हैं जाएं, हम किसी को पकड़ के नहीं रखते हैं।

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पीके की वजह से खटास
दरअसल बीते कुछ दिनों से बिहार की सियासत में तरह-तरह की बातें हो रही है, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर पीके ने ट्वीट कर बीजेपी-जदयू के रिश्तों में खटास लाने की कोशिश की, जिसके बाद बीजेपी नेताओं ने खुलकर पीके पर हमला बोला, जदयू की ओर से भी बीच-बीच में कुछ नेता पीके पर निशाना साधते रहे, अब सीएम नीतीश कुमार ने बयान देकर साफ संकेत दे दिये हैं, कि अभी भी पार्टी उनके मुताबिक ही चलेगी, ना कि किसी रणनीतिकार के ।

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पीके को लेकर नाराज
नीतीश कुमार ने जिस अंदाज में इस मुद्दे पर अपनी बेबाक राय जाहिर की है, उससे दो बातें तो स्पष्ट है, पहला ये कि सीएम नीतीश कुमार प्रशांत किशोर की एक्टिविटी को लेकर बेहद नाराज हैं, दूसरा ये कि एनडीए गठबंधन को नुकसान पहुंचाने वालों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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पार्टी को हो रहा नुकसान
पीके को लेकर जदयू का रुख हमलावर है, जदयू बैठक से पहले ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया, कि जदयू को ना तो पीके की जरुरत है और ना ही पवन वर्मा की, जदयू के ही विधायक श्याम बहादुर ने तो नीतीश कुमार से साफ-साफ मांग कर दी, कि पीके की वजह से पार्टी को नुकसान हो रहा है, वो जाली आदमी है, उन्हें तुरंत पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।

पीके के दिन लद गये
प्रशांत किशोर के प्रति जदयू के बड़े से लेकर छोटे नेताओं के तल्ख रवैये से साफ है कि जदयू में अब पीके के दिन लद गये हैं, नीतीश कुमार द्वारा बयान के बाद प्रशांत भी तिलमिला गये हैं, उन्होने ट्वीट कर सुशासन बाबू के सवालों के जवाब देने की बात कही है, हालांकि सवाल-जवाब के सिलसिले के बीच अब ये साफ हो गया है कि पीके के जदयू में गिने -चुने ही दिन बचे हैं।