Opinion: ओवैसी ने जानबूझकर अपनी पार्टी के विधायक को ऐसा भड़काउ बयान क्यों देने दिया?

जिनकी पार्टी देश के दूर-दराज के इलाकों में चुनाव लड़ने जाती है, जहाँ उनका कोई जनाधार ना हो फिर भी वो मुस्लिम वोटो का विभाजन करवा सकें।

वारिस पठान का बयान एक ऐसे समय आया है, जब सीएए-एनआरसी को लेकर चल रहे जनांदोलनों को हिंदू-मुसलमान की लड़ाई बनाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।
वारिस पठान ने ये ज़हरीला सांप्रादायिक बयान अपने नेता असदुद्धीन औवेसी की मौजूदगी में दिया है।
क्या औवेसी ये नहीं जानते कि इतने बेहूदा बयान की राष्ट्रीय स्तर पर किस कदर तीखी प्रतिक्रिया होगी? क्या ओवैसी को पता नहीं है कि इस बयान के बाद नेशनल मीडिया किस तरह पूरा विमर्श बदल देगा?

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फिर ओवैसी ने जानबूझकर अपनी पार्टी के विधायक को ऐसा भड़काउ बयान क्यों देने दिया? मेरी नज़र में ओवैसी एक पढ़े-लिखे नेता हैं जो संसद में अपनी बात तार्किक तरीके से रखते हैं।
लेकिन यही वो ओवैसी हैं, जिन्होंने अपने छोटे भाई अकबरुद्धीन को ज़हरीली बयानबाजी के लिए खुला छोड़ रखा है। ये वही ओवैसी हैं, जिनकी पार्टी देश के दूर-दराज के इलाकों में चुनाव लड़ने जाती है, जहाँ उनका कोई जनाधार ना हो फिर भी वो मुस्लिम वोटो का विभाजन करवा सकें।

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इस वक्त देश में बदले की राजनीति चल रही है और पवार से लेकर चिदंबरम तक कोई भी इससे बच नहीं पाया है, लेकिन ओवैसी परिवार पर कभी कोई आँच नहीं आई क्यों?
बहरहाल अगर ओवैसी अपने विधायक वारिस पठान को सांप्रादायिक बयानबाजी के लिए सस्पेंड करें तो मैं ये मानूँगा कि इस बयान के पीछे उनकी रजामंदी नहीं है। लेकिन क्या ओवैसी ऐसा करेंगे?
(वरिष्ठ पत्रकार राकेश कायस्थ के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)

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